शनिवार को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं की भीड़ द्वारा की गई हिंसा में एक पुलिस कांस्टेबल की मौत हो गई है और कुछ अन्य लोग घायल हो गए हैं। आपको बता दें कि यह हिंसा शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के आयोजन स्थल से केवल 15 किलोमीटर दूर हुई। दंगाइयों ने रैली से लौट रहे स्थानीय भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के वाहनों पर भी पथराव किया। पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया है और 10 अन्य लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
इस घटना को गंभीरता से लेते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो खुद रैली में मौजूद थे, उन्होने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे अनियंत्रित तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और तत्काल गिरफ्तारी करें। उन्होंने मृत्यु पर शोक व्यक्त किया और परिवार को 40 लाख रुपये और कांस्टेबल की पत्नी के लिए असाधारण पेंशन, उनके माता-पिता के लिए 10 लाख रुपये और उनके एक आश्रित को नौकरी देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार मृतक कांस्टेबल की पहचान 45 वर्षीय सुरेंद्र वत्स के रूप में हुई थी। वह इस महीने भीड़ हिंसा में मारे गए दूसरे पुलिसकर्मी हैं। इससे पहले पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह की बुलंदशहर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा घटना का पीएम की रैली से कोई संबंध नहीं था। यह हिंसा निषाद पार्टी के गिरफ्तार किए गए चार कार्यकर्ताओं की रिहाई के विरोध में हुई थी। उन्होंने कहा कि कांस्टेबल वत्स को सिर पर एक पत्थर से तब जोरदार प्रहार किया गया जब पुलिस बल भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश कर रहा था। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, वाराणसी जोन पीवी रामासास्त्रि को अतिरिक्त पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर भेजा गया, जबकि महानिरीक्षक, वाराणसी रेंज, विजय सिंह मीणा स्थिति की जांच करने और दंगाइयों की तत्काल गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही गाजीपुर पहुँच गए हैं।
उत्तर प्रदेश में दो महिलाओं ने एक दूसरे से रचाई शादी
शनिवार को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं की भीड़ द्वारा की गई हिंसा में एक पुलिस कांस्टेबल की मौत हो गई है और कुछ अन्य लोग घायल हो गए हैं। आपको बता दें कि यह हिंसा शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के आयोजन स्थल से केवल 15 किलोमीटर दूर हुई। दंगाइयों ने रैली से लौट रहे स्थानीय भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के वाहनों पर भी पथराव किया। पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया है और 10 अन्य लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।इस घटना को गंभीरता से लेते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो खुद रैली में मौजूद थे, उन्होने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे अनियंत्रित तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और तत्काल गिरफ्तारी करें। उन्होंने मृत्यु पर शोक व्यक्त किया और परिवार को 40 लाख रुपये और कांस्टेबल की पत्नी के लिए असाधारण पेंशन, उनके माता-पिता के लिए 10 लाख रुपये और उनके एक आश्रित को नौकरी देने की घोषणा की है।मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार मृतक कांस्टेबल की पहचान 45 वर्षीय सुरेंद्र वत्स के रूप में हुई थी। वह इस महीने भीड़ हिंसा में मारे गए दूसरे पुलिसकर्मी हैं। इससे पहले पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह की बुलंदशहर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा घटना का पीएम की रैली से कोई संबंध नहीं था। यह हिंसा निषाद पार्टी के गिरफ्तार किए गए चार कार्यकर्ताओं की रिहाई के विरोध में हुई थी। उन्होंने कहा कि कांस्टेबल वत्स को सिर पर एक पत्थर से तब जोरदार प्रहार किया गया जब पुलिस बल भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश कर रहा था। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, वाराणसी जोन पीवी रामासास्त्रि को अतिरिक्त पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर भेजा गया, जबकि महानिरीक्षक, वाराणसी रेंज, विजय सिंह मीणा स्थिति की जांच करने और दंगाइयों की तत्काल गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही गाजीपुर पहुँच गए हैं।मीणा ने कहा कि यह घटना नोहरा पुलिस थाने के तहत अटवा मोड़ पर हुई जब प्रदर्शनकारी शाम करीब 5.30 बजे अचानक हिंसक हो गए। उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आरक्षण से संबंधित कुछ मांगों को लेकर सुबह में सड़क जाम कर दिया था, लेकिन उन्हें तुरंत तितर-बितर कर दिया गया और उपद्रव करने के कारण चार को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, बाद में महिलाओं के एक समूह सहित लगभग 60-70 पार्टी कार्यकर्ता गिरफ्तार उन लोगों को तुरंत रिहा करने की मांग को लेकर अटावा मोड़ पर एकत्र हुए।उन्होंने कहा कि मृतक कांस्टेबल गाजीपुर के करीमुद्दीन पुलिस स्टेशन में तैनात था और पीएम की रैली में अपनी ड्यूटी के बाद लौट रहा था। मोटरसाइकिल पर उनके साथ मौजूद एक अन्य सब-इंस्पेक्टर को भी चोट लगी लेकिन वह हेलमेट पहने हुए थे। उन्होंने कहा कि घटना में कुछ अन्य पुलिस कर्मी और राहगीर भी घायल हुए हैं। मीना ने कहा कि पुलिस वीडियो फुटेज के जरिए भीड़ को भड़काने में शामिल लोगों की पहचान करेगी।