केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव चलते हुए सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए सरकारी नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सवर्ण जातियों को 10 फ़ीसदी आरक्षण देने वाला बिल मंगलवार को लोकसभा में पास हो गया। सवर्ण जाति के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों 10 फ़ीसदी आरक्षण देने वाला ऐतिहासिक बिल लोकसभा में 323 मतों के साथ पास हुआ तो इसके विरोध में 3 वोट पड़े। इस बिल के लोकसभा में पास होने के बाद उम्मीद लगाई जा रही है कि इसे केंद्र सरकार आज राज्यसभा में पेश कर सकती है।
Lok Sabha passes Constitution (124 Amendment) Bill, 2019. The bill will provide reservation for economically weaker section of the society in higher educational institutions pic.twitter.com/XkAwKYx62R
केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव चलते हुए सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए सरकारी नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सवर्ण जातियों को 10 फ़ीसदी आरक्षण देने वाला बिल मंगलवार को लोकसभा में पास हो गया। सवर्ण जाति के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों 10 फ़ीसदी आरक्षण देने वाला ऐतिहासिक बिल लोकसभा में 323 मतों के साथ पास हुआ तो इसके विरोध में 3 वोट पड़े। इस बिल के लोकसभा में पास होने के बाद उम्मीद लगाई जा रही है कि इसे केंद्र सरकार आज राज्यसभा में पेश कर सकती है।आपको बता दे कि 124वें संविधान संशोधन विधेयक’ के तहत संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन कर आर्थिक रूप से पिछड़ों को शिक्षण संस्थाओं और सरकारी नौकरियों में 10 फीसद आरक्षण का प्रावधान जोड़ा जाएगा। खबरों की माने तो इस दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गृह मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद थे। सदन में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मौजूद थे। गहलोत ने कहा कि पूरे विचार-विमर्श के बाद यह कदम उठाया गया है। हम देर से लाए, लेकिन अच्छी नीयत से लाए। इसलिए आशंका करने की जरूरत नहीं है।इस मौके पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि आरक्षण बिल पास होना देश के इतिहास में ऐतिहासिक पल है। हम ‘सबका साथ सबका विकास’ की नीति पर पूरी तरह कटिबद्ध हैं। यह जाति, संप्रदाय से ऊपर उठकर गरीब के लिए बेहतर करने का प्रयास है। विधेयक का समर्थन करने वाले सभी सांसदों को धन्यवाद।इसके अलावा, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा कि 8 जनवरी 2019 का दिन भारत की लोक सभा के लिए एक ऐतिहासिक दिवस है। आज लोकसभा ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान से भारत में आए हुए प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को जैसे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान किए जाने वाला विधेयक पारित किया है।
— ANI (@ANI) January 8, 2019
आपको बता दे कि 124वें संविधान संशोधन विधेयक’ के तहत संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन कर आर्थिक रूप से पिछड़ों को शिक्षण संस्थाओं और सरकारी नौकरियों में 10 फीसद आरक्षण का प्रावधान जोड़ा जाएगा। खबरों की माने तो इस दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गृह मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद थे। सदन में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मौजूद थे। गहलोत ने कहा कि पूरे विचार-विमर्श के बाद यह कदम उठाया गया है। हम देर से लाए, लेकिन अच्छी नीयत से लाए। इसलिए आशंका करने की जरूरत नहीं है।
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद की सुनवाई के लिए, ये होंगे 5 जजों की बेंच पर
इस मौके पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि आरक्षण बिल पास होना देश के इतिहास में ऐतिहासिक पल है। हम ‘सबका साथ सबका विकास’ की नीति पर पूरी तरह कटिबद्ध हैं। यह जाति, संप्रदाय से ऊपर उठकर गरीब के लिए बेहतर करने का प्रयास है। विधेयक का समर्थन करने वाले सभी सांसदों को धन्यवाद।
The passage of The Constitution (One Hundred And Twenty-Fourth Amendment) Bill, 2019 in the Lok Sabha is a landmark moment in our nation’s history.
It sets into motion the process to achieve an effective measure that ensures justice for all sections of society.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 8, 2019
इसके अलावा, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा कि 8 जनवरी 2019 का दिन भारत की लोक सभा के लिए एक ऐतिहासिक दिवस है। आज लोकसभा ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान से भारत में आए हुए प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को जैसे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान किए जाने वाला विधेयक पारित किया है।
8 जनवरी 2019 का दिन भारत की लोक सभा के लिए एक ऐतिहासिक दिवस है.आज लोक सभा ने अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान से भारत में आए हुए प्रताड़ित अल्पसंख्योंको जैसे हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान किये जाने वाला विधेयक पारित किया है.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) January 8, 2019