गुजरात और झारखंड के बाद अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सामान्य जाति के गरीब लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। आज यानी शुक्रवार को हुई इस कैबिनेट बैठक में कुल 14 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई। इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है।
Uttar Pradesh government approves 10% reservation given by Central Government in government jobs and education to economically weaker section in the general category
गुजरात और झारखंड के बाद अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सामान्य जाति के गरीब लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। आज यानी शुक्रवार को हुई इस कैबिनेट बैठक में कुल 14 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई। इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है।खबरों की माने तो, इसी फैसले पर राज्य सरकार के मंत्री व प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि राज्य में केंद्र के प्रस्ताव को हूबहू लागू किया जाएगा। इस फैसले के साथ ही गरीबों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने वाला यूपी तीसरा राज्य बन गया है। गुजरात व झारखंड में इसे पहले ही लागू किया जा चुका है।आपको बता दे कि बीते शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सामान्य वर्ग के गरीबों को नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण से संबंधित संविधान (103वां संशोधन) अधिनियम 2019 को मंजूरी दे दी थी। जिसके बाद अब देश में सरकारी नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण का रास्ता साफ हो गया था।आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को नौकरी और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाला यह अधिनियम संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन कर सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण का प्रावधान करता है। इसके तहत 8 लाख रुपये तक की वार्षिक आमदनी वालों को आरक्षण का लाभ प्राप्त होगा। एक तरफ बीजेपी शासित गुजरात, झारखंड और उत्तर प्रदेश ने इस आरक्षण व्यवस्था को अपने प्रदेश में लागू करने का फैसला किया है तो वहीं, कई विपक्षी दल इसका मुखर रूप से विरोध कर रहे हैं।
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 18, 2019
खबरों की माने तो, इसी फैसले पर राज्य सरकार के मंत्री व प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि राज्य में केंद्र के प्रस्ताव को हूबहू लागू किया जाएगा। इस फैसले के साथ ही गरीबों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने वाला यूपी तीसरा राज्य बन गया है। गुजरात व झारखंड में इसे पहले ही लागू किया जा चुका है।
आपको बता दे कि बीते शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सामान्य वर्ग के गरीबों को नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण से संबंधित संविधान (103वां संशोधन) अधिनियम 2019 को मंजूरी दे दी थी। जिसके बाद अब देश में सरकारी नौकरी और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण का रास्ता साफ हो गया था।
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