कर्नाटक में सिद्धगंगा मठ के प्रमुख डॉ. शिवकुमार स्वामी का निधन हो गया। 111 साल के शिवकुमार स्वामी की काफी समय से तबीयत खराब चल रही थी। उनके निधन के बाद पूरे राज्य में शोक जताया जा रहा है। खबरों की माने तो उनके शरीर में प्रोटीन का स्तर और ब्लड प्रेशर बहुत कम हो गया था जिस कारण उन्हें कई दिनों से वेंटिलेटर पर रखा गया।
साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिवकुमार स्वामी के निधन पर दुःख प्रकट करते हुए कहा कि मुझे श्री सिद्धगंगा मठ की यात्रा करने और परम पावन डॉ श्री श्री श्री शिवकुमार स्वामीगलू का आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला है। वहाँ की जा रही सामुदायिक सेवा पहलों की व्यापक सीमाएँ हैं और बड़े पैमाने पर हैं।
I have had the privilege to visit the Sree Siddaganga Mutt and receive the blessings of His Holiness Dr. Sree Sree Sree Sivakumara Swamigalu.
कर्नाटक में सिद्धगंगा मठ के प्रमुख डॉ. शिवकुमार स्वामी का निधन हो गया। 111 साल के शिवकुमार स्वामी की काफी समय से तबीयत खराब चल रही थी। उनके निधन के बाद पूरे राज्य में शोक जताया जा रहा है। खबरों की माने तो उनके शरीर में प्रोटीन का स्तर और ब्लड प्रेशर बहुत कम हो गया था जिस कारण उन्हें कई दिनों से वेंटिलेटर पर रखा गया।साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिवकुमार स्वामी के निधन पर दुःख प्रकट करते हुए कहा कि मुझे श्री सिद्धगंगा मठ की यात्रा करने और परम पावन डॉ श्री श्री श्री शिवकुमार स्वामीगलू का आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला है। वहाँ की जा रही सामुदायिक सेवा पहलों की व्यापक सीमाएँ हैं और बड़े पैमाने पर हैं।उनके निधन के बाद राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने तीन दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। इसके अलावा कल पूरे राज्य में सरकारी छुट्टी रहेगी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेता उन्हें अपना गुरु मानते हैं। वर्ष 2007 में उनके 100वें जन्मदिन पर तत्कालीन कर्नाटक सरकार ने शिवकुमार स्वामी जी को राज्य के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘कर्नाटक रत्न’ से नवाजा था। वर्ष 2015 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया था, जबकि कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने की मांग उठा चुके हैं।कौन हैं महंत डॉ. शिवकुमार स्वामीकर्नाटक के सभी 30 जिलों में मठों का जाल फैला हुआ है। जातीय समीकरण के लिहाज से मठों का अपना प्रभुत्व और दबदबा है जो राजनीतिक दलों को उनकी ओर आकर्षित करता है। राज्य में सबसे अधिक दबदबे वाले लिंगायत समुदाय की संख्या 18 फीसदी है। इस समुदाय का मुख्य मठ सिद्धगंगा बेंगलूरू से लगभग 80 किलोमीटर दूर तुमकुरु में है। इस मठ को भाजपा समर्थक माना जाता है।
The wide range of community service initiatives being done there are outstanding and are at an unimaginably large scale. pic.twitter.com/wsmRp2cERd
— Narendra Modi (@narendramodi) January 21, 2019
उनके निधन के बाद राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने तीन दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। इसके अलावा कल पूरे राज्य में सरकारी छुट्टी रहेगी।
Karnataka CM HD Kumaraswamy: State government declares a three-day state mourning and one day holiday for all schools, colleges and government offices on the demise of Siddaganga Math seer Sri Shivakumara Swamiji. pic.twitter.com/EHWrUtWDaW
— ANI (@ANI) January 21, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेता उन्हें अपना गुरु मानते हैं। वर्ष 2007 में उनके 100वें जन्मदिन पर तत्कालीन कर्नाटक सरकार ने शिवकुमार स्वामी जी को राज्य के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘कर्नाटक रत्न’ से नवाजा था। वर्ष 2015 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया था, जबकि कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने की मांग उठा चुके हैं।
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