पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने बुधवार को “स्वच्छ राजनीति और जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन” की दिशा में अपनी स्वतंत्र राजनीतिक यात्रा की घोषणा की। अपने समर्थन में उन्होंने जनता से फंड देने की पहल शुरू की है। फ़ैसल, 2009 में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में टॉप किया था औऱ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बने थे। फेसबुक पर उन्होंने उनकी इस पहल का समर्थन करने का अनुरोध किया है।
फैसल ने कहा कि ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक गतिरोध को उजागर करने के लिए मेरी छोटी सी चूक, दुनिया भर में इस तरह की प्रतिक्रिया को जन्म देगी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि जे-के में स्वच्छ राजनीति और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन का मेरा सपना एक सार्वजनिक आंदोलन का रूप ले लेगा। जनता की भावना का सम्मान करते हुए, मैंने अपनी स्वतंत्र राजनीतिक यात्रा का फैसला किया है। मेरा विचार भारत के लोगों से मदद लेना है, भारतीय नागरिक समाज और बौद्धिक वर्ग के साथ गठजोड़ करना है ताकि कश्मीर में स्थायी शांति प्राप्त हो सके।
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पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने बुधवार को “स्वच्छ राजनीति और जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन” की दिशा में अपनी स्वतंत्र राजनीतिक यात्रा की घोषणा की। अपने समर्थन में उन्होंने जनता से फंड देने की पहल शुरू की है। फ़ैसल, 2009 में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में टॉप किया था औऱ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बने थे। फेसबुक पर उन्होंने उनकी इस पहल का समर्थन करने का अनुरोध किया है।फैसल ने कहा कि ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक गतिरोध को उजागर करने के लिए मेरी छोटी सी चूक, दुनिया भर में इस तरह की प्रतिक्रिया को जन्म देगी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि जे-के में स्वच्छ राजनीति और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन का मेरा सपना एक सार्वजनिक आंदोलन का रूप ले लेगा। जनता की भावना का सम्मान करते हुए, मैंने अपनी स्वतंत्र राजनीतिक यात्रा का फैसला किया है। मेरा विचार भारत के लोगों से मदद लेना है, भारतीय नागरिक समाज और बौद्धिक वर्ग के साथ गठजोड़ करना है ताकि कश्मीर में स्थायी शांति प्राप्त हो सके।”पूर्व आईएएस अधिकारी ने विभिन्न क्षेत्रों-जम्मू, कश्मीर, लद्दाख के लोगों के बीच संवाद को सुविधाजनक बनाने की भी इच्छा व्यक्त की। उन्होंने यह भी कहा कि “यह लोगों का आंदोलन है और इसे लोगों द्वारा ही फंड किया जाएगा। लोगों से उन्होंने कहा कि उनका विश्वास करे, इस लंबी और कठिन यात्रा में धैर्य रखो।” मेडिकल डिग्री रखने वाले 39 वर्षीय फैसल ने 9 जनवरी को कश्मीर में हत्याओं के विरोध में सेवा से इस्तीफा दे दिया था।