पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार एक्शन में आ गई है। जिसके चलते केंद्र सरकार ने गुरूवार यानी आज एक बड़ा फैसला लिया है। अब जम्मू-कश्मीर में तैनात सभी सुरक्षाबल के जवान जम्मू से श्रीनगर सड़क से यात्रा नहीं करेंगे। सभी जवानों को अब हवाई रास्ते से भेजा जाएगा। सरकार के इस आदेश को गुरुवार से ही लागू कर दिया गया है।
इसकी जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने दी है। इसके मुताबिक़, दिल्ली से श्रीनगर, श्रीनगर से दिल्ली, जम्मू से श्रीनगर और श्रीनगर से दिल्ली रूट पर सभी जवानों को फायदा मिलेगा। इनमें कॉन्स्टेबल, हेड कॉन्स्टेबल, अस्सिटेंट सब इन्सपेक्टर को भी शामिल किया गया है। पहले ये सुविधा सीनियर रैंक के अधिकारियों को मिलती थी। साथ ही, इस फैसले से करीब 7 लाख 80 हजार जवानों को सीधा लाभ मिलेगा।
MHA: In J&K Sector, it may be recalled that Air Courier Service for CAPFs jawans was approved for the Jammu-Srinagar-Jammu sector.
Subsequently, the Service was extended to cover 1) Delhi-Jammu, 2) Jammu-Srinagar, 3) Srinagar-Jammu and 3) Jammu-Delhi sector in Dec 2017.
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार एक्शन में आ गई है। जिसके चलते केंद्र सरकार ने गुरूवार यानी आज एक बड़ा फैसला लिया है। अब जम्मू-कश्मीर में तैनात सभी सुरक्षाबल के जवान जम्मू से श्रीनगर सड़क से यात्रा नहीं करेंगे। सभी जवानों को अब हवाई रास्ते से भेजा जाएगा। सरकार के इस आदेश को गुरुवार से ही लागू कर दिया गया है।इसकी जानकारी न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने दी है। इसके मुताबिक़, दिल्ली से श्रीनगर, श्रीनगर से दिल्ली, जम्मू से श्रीनगर और श्रीनगर से दिल्ली रूट पर सभी जवानों को फायदा मिलेगा। इनमें कॉन्स्टेबल, हेड कॉन्स्टेबल, अस्सिटेंट सब इन्सपेक्टर को भी शामिल किया गया है। पहले ये सुविधा सीनियर रैंक के अधिकारियों को मिलती थी। साथ ही, इस फैसले से करीब 7 लाख 80 हजार जवानों को सीधा लाभ मिलेगा।वही, गृह मंत्रालय की ओर से ट्वीट कर बताया कि ये आदेश असम रायफल्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और एनएसजी समेत सभी जवानों पर लागू होगा। यानी जो भी जवान अपनी ड्यूटी से लौट रहा हो, उसका ट्रांसफर हुआ हो या फिर घर से लौट रहा हो, उन सभी जवानों को जम्मू बेस कैंप या नई दिल्ली से श्रीनगर हवाई रास्ते से ही भेजा जाएगा। इतना ही नहीं अगर कोई जवान श्रीनगर से लौट रहा है तो भी उसे हवाई सुविधा मिलेगी।इससे पहले भी हमले के तुरंत बाद गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला करते हुए ऐलान किया था कि जब सेना का काफिला किसी रास्ते से गुजर रहा होगा, तो वहां आम लोगों को अपना वाहन लाने की इजाजत नहीं होगी। सरकार इसके अलावा भी कई बड़े फैसले ले चुकी है। जिसमें जम्मू-कश्मीर में रह रहे अलगाववादी नेताओं को मिली सुरक्षा वापस ले ली गई थी। वहीं सेना के जवानों के काफिले के रूट और नियमों में भी कई तरह के बदलाव किए गए हैं।आपको बता दें कि 14 फरवरी को जो पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था, तब सुरक्षाबलों का एक बड़ा काफिला सड़क के रास्ते जम्मू से श्रीनगर जा रहा था। इसी का फायदा उठाते हुए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ने सीआरपीएफ के जवानों को निशाना बनाया था।
— ANI (@ANI) February 21, 2019
वही, गृह मंत्रालय की ओर से ट्वीट कर बताया कि ये आदेश असम रायफल्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और एनएसजी समेत सभी जवानों पर लागू होगा। यानी जो भी जवान अपनी ड्यूटी से लौट रहा हो, उसका ट्रांसफर हुआ हो या फिर घर से लौट रहा हो, उन सभी जवानों को जम्मू बेस कैंप या नई दिल्ली से श्रीनगर हवाई रास्ते से ही भेजा जाएगा। इतना ही नहीं अगर कोई जवान श्रीनगर से लौट रहा है तो भी उसे हवाई सुविधा मिलेगी।
The decision will immediately benefit approximately 780,000 personnel of the CAPFs in the ranks of Constable, Head Constable & ASI who were otherwise not eligible earlier. This includes journey on duty and journey on leave, i.e; while going on leave from J&K to home and return.
— गृहमंत्री कार्यालय, HMO India (@HMOIndia) February 21, 2019
इससे पहले भी हमले के तुरंत बाद गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला करते हुए ऐलान किया था कि जब सेना का काफिला किसी रास्ते से गुजर रहा होगा, तो वहां आम लोगों को अपना वाहन लाने की इजाजत नहीं होगी। सरकार इसके अलावा भी कई बड़े फैसले ले चुकी है। जिसमें जम्मू-कश्मीर में रह रहे अलगाववादी नेताओं को मिली सुरक्षा वापस ले ली गई थी। वहीं सेना के जवानों के काफिले के रूट और नियमों में भी कई तरह के बदलाव किए गए हैं।
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आपको बता दें कि 14 फरवरी को जो पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था, तब सुरक्षाबलों का एक बड़ा काफिला सड़क के रास्ते जम्मू से श्रीनगर जा रहा था। इसी का फायदा उठाते हुए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ने सीआरपीएफ के जवानों को निशाना बनाया था।
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