जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के मुखिया यासीन मलिक को शुक्रवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया है। यासीन मलिक भी एक अलगाववादी नेता है, जो अलगाववाद को हवा देकर लोगों को बांटने का काम करता है।
इसकी जानकारी न्यूज़एजेंसी एएनआई ने ट्वीट कर दी है। इसके मुताबिक़, जेकेएलएफ के मुखिया यासीन मलिक को कल देर रात श्रीनगर स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ़्तारी को वजह अनुच्छेद 35-ए पर होने वाली सुनवाई है।
Jammu Kashmir Liberation Front Chief Yasin Malik was detained from his residence in Srinagar last night, ahead of hearing on Article 35A in Supreme Court which is likely to take place on Monday. pic.twitter.com/S8c9QFhG1e
— ANI (@ANI) February 23, 2019
खबरों के अनुसार, गृह मंत्रालय ने अर्द्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों को जम्मू-कश्मीर भेजा है। इसमें सीआरपीएफ की 35, बीएसएफ की 35, एसएसबी की 10 और आईटीबीपी की 10 कंपनियां शामिल है। हालांकि अभी किसी और नेता के हिरासत में लेने या गिरफ्तार करने की खबर नहीं आई है। यासीन मलिक की गिरफ्तारी इसलिए भी अहम है क्योंकि मात्र दो दिन बाद ही सोमवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली संविधान की धारा 35-A पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है।
आपको बता दे कि पिछले दिनों सरकार ने यासीन मलिक और कट्टरपंथी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने कुछ नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली थी। बाद में मलिक ने कहा था कि उन्हें राज्य से कभी कोई सुरक्षा नहीं मिली। मलिक ने कहा था कि मेरे पास पिछले 30 सालों से कोई सुरक्षा नहीं है। ऐसे में जब सुरक्षा मिली ही नहीं तो वे किस वापसी की बात कर रहे हैं। ये सरकार की तरफ से बिल्कुल बेईमानी है।
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