आज के इस दौर में नै तकनीकों के साथ-साथ नई समस्याओं का भी जन्म हो रहा है। कंप्यूटर पर ज्यादा टाइम तक काम करने वाले कामकाजी लोगों को एक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिसमें रात को आराम करते समय उनके हाथ अचानक सुन्न हो जाते हैं। ये दिक्कत महिलाओं में सबसे अधिक देखी जा रही है। इस समस्या को कार्पल टनल सिंड्रोम (सीटीएस) कहा जाता है। ये सिंड्रोम लगातार 8-9 घंटे तक कंप्यूटर पर काम करने से हो रहा है।
क्या है ये बीमारी
सीटीएस नाम की इस बीमारी में हाथ की उंगलियों और कलाई से दर्द शुरु होता है। बाद में ये दर्द बढ़कर बाहों तक पहुंच जाता है। इस बीमारी को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि कलाई में एक मिडियन नर्व होती है, जिसके दबने से परेशानी उत्पन्न होती है। लगातार टाइपिंग करने से ये समस्या बढ़ती जाती है।
कौन होते हैं इसके शिकार
इस बीमारी के सबसे अधिक शिकार 18 से 35 साल के लोग होते हैं। युवाओं को ये बीमारी सबसे ज्यादा इसलिए घेरती है क्योंकि वह दिनभर कंप्यूटर और लैपटॉप पर काम करते हैं। इस सिंड्रोम से पीड़ित लोगों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इन लोगों से जब काम के बारे में पूछा जाता है, तो ये लोग कंप्यूटर पर काम करना बताते हैं।
ब्रिटेन में हुए एक शोध में पता चला कि यहां प्रति एक लाख लोगाें में से 120 महिलाओं और 60 पुरुषों को इस सिंड्रोम ने जकड़ रखा है।
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आज के इस दौर में नै तकनीकों के साथ-साथ नई समस्याओं का भी जन्म हो रहा है। कंप्यूटर पर ज्यादा टाइम तक काम करने वाले कामकाजी लोगों को एक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिसमें रात को आराम करते समय उनके हाथ अचानक सुन्न हो जाते हैं। ये दिक्कत महिलाओं में सबसे अधिक देखी जा रही है। इस समस्या को कार्पल टनल सिंड्रोम (सीटीएस) कहा जाता है। ये सिंड्रोम लगातार 8-9 घंटे तक कंप्यूटर पर काम करने से हो रहा है।क्या है ये बीमारीसीटीएस नाम की इस बीमारी में हाथ की उंगलियों और कलाई से दर्द शुरु होता है। बाद में ये दर्द बढ़कर बाहों तक पहुंच जाता है। इस बीमारी को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि कलाई में एक मिडियन नर्व होती है, जिसके दबने से परेशानी उत्पन्न होती है। लगातार टाइपिंग करने से ये समस्या बढ़ती जाती है।कौन होते हैं इसके शिकारइस बीमारी के सबसे अधिक शिकार 18 से 35 साल के लोग होते हैं। युवाओं को ये बीमारी सबसे ज्यादा इसलिए घेरती है क्योंकि वह दिनभर कंप्यूटर और लैपटॉप पर काम करते हैं। इस सिंड्रोम से पीड़ित लोगों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इन लोगों से जब काम के बारे में पूछा जाता है, तो ये लोग कंप्यूटर पर काम करना बताते हैं।ब्रिटेन में हुए एक शोध में पता चला कि यहां प्रति एक लाख लोगाें में से 120 महिलाओं और 60 पुरुषों को इस सिंड्रोम ने जकड़ रखा है।जाने कैसे करे इससे बचाव एक घंटे लगातार टाइपिंग करने के बाद पांच मिनट का ब्रेक लें।रोजाना व्यायाम करें, 10 मिनट हाथ खोलने-बंद करने पर जोर दें।दिन में पांच बार ये व्यायाम करें।
जाने कैसे करे इससे बचाव
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एक घंटे लगातार टाइपिंग करने के बाद पांच मिनट का ब्रेक लें।
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रोजाना व्यायाम करें, 10 मिनट हाथ खोलने-बंद करने पर जोर दें।
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दिन में पांच बार ये व्यायाम करें।