देशभर में चुनावों के दौरान मतदाताओं की उंगली पर एक स्याही लगाई जाती है। इस चुनावी स्याही की पिछले कई सालों के चुनावी इतिहास में अपनी अलग ही भूमिका है। ये स्याही आम स्याही की तरह नहीं होती तो क्या आप जानते हैं कि ये स्याही कहां और कौन इसे तैयार करता है।
चुनावी स्याही की खासियत
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मतदान के दौरान उंगली पर लगने वाली ये स्याही परमानेंट होती है, जो एक नियत समय पर ही हटती है। इस स्याही के लगने से उस मतदाता की पहचान हो जाती है, जो पहले अपना वोट दे चुका होता है।
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चुनावों के दौरान प्रयोग होने वाली इस चुनावी स्याही में 10% सिल्वर, 14% नाइट्रेट और 18 % सॉल्यूशन मिला हुआ होता है।
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बता दे इस स्याही को मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लिमिटेड द्वारा बनाया जाता है जोकि कर्नाटक सरकार द्वारा संचालित है।
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इतना ही नहीं इस स्याही को थाईलैंड, सिंगापुर, नाईजीरिया, मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका और अफगानिस्तान में भी इस्तेमाल किया जाता है।
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ये चुनावी स्याही 72 से 96 घंटो को तक त्वचा पर रहती है तो वही, ये नाखून पर 4 हफ़्तों तक लगी रहती है।