लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद वोटिंग के लिए प्रयोग होने वाली ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का बाद में क्या होता है, इस सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहता है। तो आइए मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर हम आपको देते है इन सवालों के जवाब…
इस बार हुए लोकसभा चुनाव में आयोग ने करीब 40 लाख ईवीएम का इंतजाम किया था ताकि 90 करोड़ मतदाता आराम रूप से मतदान कर सके। इस चुनाव में करीब 60 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
आपको बता दें मतदान खत्म होते ही ईवीएम को कड़ी सुरक्षा में स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाता है। यहां पर इन ईवीएम मशीनों को अंधेरे में रखा जाता हैं। इतना ही नहीं, इनके आस पास कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी नहीं होती।
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इतना ही नहीं, मतगणना पूरी होने के बाद कागजी प्रक्रिया की जाती है। मतगणना के बाद फिर ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम में रख दिया जाता है। स्ट्रॉन्ग रूम एक बार फिर सील कर दिया जाता है। यह सब कुछ उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों के सामने किया जाता है। इस दौरान प्रतिनिधियों से दस्तखत भी कराए जाते हैं।
इस दौरान ईवीएम की सुरक्षा केंद्रीय और राज्य के सुरक्षा बलों द्वारा की जाती है। 45 दिन खत्म होने के बाद एक बार फिर ईवीएम को पूरी सिक्योरिटी के साथ स्ट्रॉन्ग रूम ले जाया जाता है जहां आयोग के इंजीनियर ईवीएम की जांच करते हैं। चुनाव के दौरान 20 प्रतिशत ईवीएम रिजर्व रखे जाते हैं ताकि कोई तकनीकी खराबी हो तो ईवीएम से काम चलाया जा सके। जो ईवीएम खराब हो जाती है उसे नष्ट कर दिया जाता है।
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