पुलवामा हमले के बाद से ही भारत-पाकिस्तान के बीच काफी तनाव बना हुआ है। वहीं फैली इस अशांति के बाद से पाक पीएम इमरान खान लगातार भारत से बातचीत करने की इच्छा जता रहे है। इमरान खान का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत सरकार ने किर्गिस्तान में पाकिस्तान के साथ बातचीत की अटकलों को खारिज कर दिया है। भारत ने कहा है कि आतंकवाद और बातचीत दोनों साथ-साथ नहीं चल सकते हैं।
इसलिए है पाक पीएम भारत से बातचीत को बेताब
दरअसल, इमरान खान पीएम मोदी से इसलिए बात करना चाहते है क्योंकि वह पाकिस्तान के ऊपर बढ़ते कर्ज के कारण दबाव में हैं और इसको कम करने के लिए भारत के साथ तनाव को घटाना चाहते हैं। जब एक इंटरव्यू में इमरान से यह सवाल पूछा गया कि क्या वह भारत की तरह ही रूस के एयर डिफेंस सिस्टम S-400 को खरीदने की योजना पर विचार कर रहा है तो इमरान का जवाब काबिलेगौर था।
रूसी न्यूज़ वेबसाइट स्पुतनिक को दिए इंटरव्यू में इमरान ने कहा, ‘जैसा कि मैंने कहा था, एक बार कोल्ड वॉर समाप्त हो गया था। उस समय पाकिस्तान अमेरिका से जुड़ा था और जैसा कि हम सभी जानते हैं, भारत सोवियत संघ से जुड़ा हुआ था। और अब वह स्थिति नहीं है।’
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साथ ही, उन्होंने कहा, ‘सबसे पहले हम आशा करते हैं कि भारत के साथ हमारा तनाव कम हो जाएं। क्योंकि हम हथियार खरीदने के लिए पैसे बर्बाद नहीं करना चाहते बल्कि हम मानव विकास पर पैसा खर्च करना चाहते हैं। लेकिन हां, हम रूस से हथियारों की तलाश कर रहे हैं, और मुझे पता है कि हमारी सेना पहले से ही रूसी सेना के संपर्क में है।’
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साथ ही, पाक पीएम ने कहा कि चुनाव खत्म हो गए हैं और भारत हमारे उठाए कदमों पर सकारात्मक जवाब देगा और जनता के बीच संपर्क को और बढ़ावा देगा। आगे कहा कि भारी बहुमत के साथ आए पीएम मोदी इसका इस्तेमाल दोनों देशों के बीच मतभेदों और रिश्तों को सुधारने में करेंगे। इमरान ने फिर कश्मीर का राग अलापा और कहा कि यह दोनों देशों के बीच विवाद का मुख्य मुद्दा है।
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बता दें कि सरकार के कुल खर्चे में से करीब 50% हिस्सा सेना और कर्जों को चुकाने में जाता है। पिछले सप्ताह पाकिस्तानी सेना ने आर्थिक संकट को देखते हुए स्वैच्छिक बजट कटौती का ऐलान किया था। पाक सेना के इस कदम के पीछे कई संकेत माने जा रहे हैं। अब तक पाकिस्तान अपने बजट का सबसे बड़ा हिस्सा सेना पर खर्च करता आ रहा है। माना जा रहा है कि गंभीर आर्थिक संकट के साथ वैश्विक दबाव के बीच पाक ने बजट कटौती का ऐलान किया। पाक सरकार ने दावा किया है कि अगले वित्त वर्ष (2019-20) के लिए उसके रक्षा बजट को बिना बदलाव के 1,15,25,350 लाख रुपये पर ही रखा गया है।