पश्चिम बंगाल से लेकर दिल्ली और मुंबई में डॉक्टर्स हड़ताल पर है। दरअसल, कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में दो जूनियर डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट के बाद से इस मामले ने तूल पकड ली है। डॉक्टरों की हड़ताल से मुंबई, कोलकाता, नागपुर, पटना, हैदराबाद, वाराणसी समेत कई शहरों में चिकित्सा सेवाओं पर बहुत बुरा असर पड़ा है। वहीं, पश्चिम बंगाल में 18 डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है।
इतना ही नहीं, डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के अल्टीमेट को भी ठुकरा दिया है। साथ ही, हड़ताल पर गये डॉक्टर्स का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती है वह हड़ताल पर ही रहेंगे। आइये बताते है क्या मांग कर रहे है ये डॉक्टर्स…
डॉक्टरों की मांग है कि उनके खिलाफ होने वाली हिंसा क़ानूनी अपराध के रूप में घोषित किया जाए। साथ ही, अस्पतालों की सुरक्षा के लिए अलग से क़ानून का प्रावधान किया जाए। साथ ही, उन पर हुए हमलों को ग़ैर ज़मानती अपराध के रूप में दर्ज किया जाए और इसके लिए संसद के ज़रिये अध्यादेश लाया जाए।
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इसके अलावा डॉक्टरों की मांग है कि उनपर हमला करने वालों को आजीवन ‘ब्लैकलिस्ट’ किया जाए यानी उनका किसी अस्पताल में इलाज न हो। साथ ही, डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने पर भी केंद्र और राज्य की सरकारों को ध्यान देना चाहिए क्योंकि पूरे भारत में डाक्टरों की कमी है। डाक्टरों की ड्यूटी के घंटों का भी निर्धारण अध्यादेश के माध्यम से किया जाए।
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