देशभर में ज्यादातर लोग मांसाहारी खाने के शौकीन है। तो वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि मांसाहार से ज्यादा पोषण प्राप्त होता है। लेकिन एक शोध में इसको लेकर एक चौंका देने वाला खुलासा किया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक़, जो लोग रेड मीट का ज्यादा सेवन करते हैं, उनकी जल्दी मृत्यु का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। यह शोध बीएमजे जनरल में प्रकाशित हुआ है।
ये शोध हार्वर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा किया गया है, जिसमें बताया है कि मांसाहारी यानी रेड मीट नहीं खाना चाहिए। इसकी जगह अंडे, साबुत अनाज, फिश और हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए जिससे ज्यादा पोषण प्राप्त होता है और वो लोग अधिक लंबा जीवन जीते हैं। शोधकर्ताओं ने इसमें रेड मीट के सेवन को जल्दी मौत की संभावना से जोड़ कर देखा है।
रेड मीट को लेकर की गई रिसर्च में आठ सालों तक रेड मीट के सेवन और उसके अगले आठ सालों के बीच मृत्यु दर पर स्टडी की। साल 1986 से लेकर 2010 के बीच तक के आंकड़े को इक्कठा किया गया, जिसमें 53,553 पंजीकृत नर्सों से डाटा लिया गया। वहीं, रिसर्च के लिए 40 से 75 साल की उम्र के करीब 27,916 अमेरिकी मर्दों को शामिल किया गया। रिसर्च के लिए जिन लोगों का डेटा इक्कठा किया गया था उनकी जांच में पहले से कैंसर और ह्रदय से संबंधी कोई बीमारी नहीं पाई गई थी।
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इसमें आठ सालों तक रेड मीट के सेवन और उसके अगले 8 सालों तक डेथ रेट (मृत्यु दर) पर गहन अध्ययन किया। परिणामस्वरुप यह पाया कि जो लोग रेड मीट ज्यादा खाते हैं उनकी मौत का खतरा सबसे अधिक रहता है। इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने लोगों की खानपान की निरंतरता परखने के बाद यह निष्कर्ष दिया कि मछली, अंडा और साबुत अनाज खाने वालों की तुलना में रेड मीट खाने वालों की मौत की संभावना ज्यादा होती है। रिसर्च में यह बात भी सामने आई कि रेड मीट के सेवन की वजह से 14,019 लोगों की मौत हई थी।
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