देश में अब मकान-दुकान को किराए पर लेना-देना काफी आसान हो जाएगा। केंद्र सरकार किराएदारों को राहत देने के लिए मॉडल टिनैंसी एक्ट लाने की तैयारी में है। अब मकानमालिक किराएदार से सिक्यॉरिटी डिपॉजिट्स के रूप में दो महीने के किराए की रकम से ज्यादा की मांग नहीं कर पाएंगे। मकान-दुकान मालिक और किराएदार के हितों के संतुलित संरक्षण के लिए नए कानून के मसौदे पर काम अंतिम चरण में है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस नियम के तहत मकान मालिक को घर के मुआयने, रिपेयर से जुड़े काम या किसी दूसरे मकसद से आने के लिए 24 घंटों का लिखित नोटिस अडवांस में देना होगा। रेंट अग्रीमेंट में लिखी समय सीमा से पहले किरायेदार को तब तक नहीं निकाला जा सकता, जब तक उसने लगातार दो महीनों तक किराया न दिया हो या वह प्रॉपर्टी का गलत इस्तेमाल कर रहा हो।
वहीं, अगर किराएदार एग्रीमेंट खत्म होने के बाद भी मकान खाली नहीं कर रहा है, तो मकान मालिक अगले दो महीने तक उससे दोगुना किराए की मांग कर पाएगा और दो महीने के बाद उसे चार गुना किराया वसूलने का अधिकार होगा।
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बता दे वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा है कि नए कानून के तहत मकान मालिकों के मनमर्जी किराए बढ़ाने और रोक-टोक करने के साथ-साथ किराएदारों को आने वाली कई अन्य परेशानियों पर रोक लगाई जा सकेगी। इस कानून में मकान मालिक के अधिकारों का भी ख्याल रखा जाएगा। निर्मला सीतारमण ने कहा कि नए किराया कानून को अंतिम रूप देकर राज्यों को भेजा जाएगा।
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