By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Sunday, 21 Dec 2025
  • MY BOOKMARK
  • INTERESTSNew
  • CONTACT US
  • BLOG INDEX
Subscribe
Dastak India Transparent mobile new logo
  • होम
  • देश
  • टेक
  • ऑटो
  • एजुकेशन
  • मनोरंजन
  • बिजनेस
  • दुनिया
  • वीडियो
  • धर्म
  • लाइफस्टाइल
  • अन्य
    • खेल
    • विचार
    • हरियाणा
  • 🔥
  • देश
  • होम
  • मनोरंजन
  • social media
  • टेक
  • bjp
  • खेल
  • video
  • police
  • bollywood
Font ResizerAa
Dastak IndiaDastak India
  • होम
  • देश
  • टेक
  • ऑटो
  • एजुकेशन
  • मनोरंजन
  • बिजनेस
  • दुनिया
  • वीडियो
  • धर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विचार
Search
  • My Interests
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
Have an existing account? Sign In
Follow US
© 2024 Dastak India. All Rights Reserved.
Dastak India > Home > दस्तक स्पेशल > बुलंद हो हौंसले तो कचरे को पहाड़ बनने से रोका जा सकता है
दस्तक स्पेशलहोम

बुलंद हो हौंसले तो कचरे को पहाड़ बनने से रोका जा सकता है

dastak
Last updated: August 13, 2019 9:57 pm
dastak
Share
jagar basai darapur delhi waste compost
Dastak Photo
SHARE

अजय चौधरी

ajay chaudhary chief editor dastak india
Photo- Ajay Chaudhary

कचरे को पहाड बनते वक्त नहीं लगता, लेकिन अगर आप चाहें तो ऐसा होने से रोक सकते हैं और अपने घर से निकलने वाले कचरे को खाद्य के रुप में परिवर्तित कर सकते हैं। कुछ ऐसा ही करने का बीड़ा उठाया है राजधानी के कुछ लोगों ने। इन्होंने अपने इस अभियान की शुरुआत दिल्ली के बसई दारापुर गांव से की है।

ये लोग घर-घर जाकर रसोई से निकलने वाला कचरा और गाय के लिए रोटी एकत्रित करते हैं। गाय के लिए ली गई रोटी को गाय को खिला दी जाती है और रसोई के कचरे यानी की किचन वेस्ट का इस्तेमाल खाद्य बनाने में किया जाता है।

 

 

इतना कूडा लैंडफिल साईट्स पर जाने से रोका है-

आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन ये सच है कि जागर नाम की इस संस्था ने अबतक 62 हजार 458 किलो कूडा लैंडफिल साईट पर जाने से रोका है। वो भी कुल ढाई साल में। संगठन की नींव रखने वाले मनोज सांबले ने फरवरी 2017 में जब ये अभियान चलाया तो शुरुआत में दो घरों का 400 ग्राम कूडा ही एकत्रित होता था। अब यह कूडा रोज का 250 किलो तक हो जाता है।

ऐसे करते हैं काम-

रिड्यूस किए जाने वाले कूडे में 64 प्रतिशत किचन वेस्ट, 20 प्रतिशत ब्रेड और रोटी वेस्ट, और आठ आठ प्रतिशत गार्डन और टेंपल वेस्ट होता है।  जिसमें से 80 प्रतिशत का कंपोस्ट बना खाद बना दिया जाता है और  बाकि बचे 20 प्रतिशत को गाय को खिलाया जाता है।

इन लोगों ने पालस्टिक के कूडे का भी निस्तरण करना अब शुरु किया है। जिसमें पानी की बोतलों आदी को सुंदर गमलों में बदला जा रहा है और दूध आदि की पन्नी को कंपनी को रिसाईकल करने के लिए दी जाती हैं ताकि वो लैंडफिल साईटस पर न जाने पाए।

संगठन से जुडे कुछ लोग आईटी क्षेत्र से भी जुडे है। देश के अलग अलग राज्यों से आए लोग जो दिल्ली में रह रहे हैं वो इस टीम के सदस्य है। दस्तक इंडिया ने जागर के कुछ सदस्यों से बातचीत की है। जिसके अंश नीचे पेश हैं-

दो केलों के बाद अब सोशल मीडिया पर छाए दो उबले अंडे

क्या कहते हैं जागर के सदस्य-

टीम के सदस्य सोफटवेयर इंजीनियर प्रमोद मिश्रा फेसबुक के माध्यम से टीम से जुडे थे। इससे पहले वो अपने घर पर ही खाद्य बनाया करते थे। लेकिन उन्होंने देखा कि ये लोग इस अभियान को बडे स्तर पर कर रहे हैं तो वो इनके साथ जुड गए। लोगों की सोच है कि कूडा एकत्रित करना नीची जाती और गरीब लोगों का काम है। लेकिन समाज में बदलाव आ रहा है धीरे धीरे, हर समाज से हमारे साथ लोग जुडे हैं

टीम की सदस्य बबीता ने बताया कि वो घर घर जाकर कूडा एकत्रित करती हैं। बबीता गुजर बसर के लिए घरों में काम करती हैं, वो इन संस्था के साथ आठ महीनों से जुडी हैं। एक बेटा एक बेटी है। उनके पति की मौत एक साल पहले हो चुकी है। लेकिन उन्हें इस संस्था के साथ जुडकर काम करके बहुत अच्छा महसूस हो रहा है।

अभय प्रताप सिंह पेशे से इंजीनियर हैं, वो संस्था के साथ स्वच्छ भारत मिशन के लिए जुडे हैं। वो सडक पर लगे पोस्टर हटाते हैं। उनके अनुसार टीम बडा अच्छा काम कर रही है। वो उत्तम नगर से यहां इनका सपोर्ट करने आते हैं। उनका कहना है कि वोट देने भर से उनका दायित्व खत्म नहीं हो जाता। हमें भी अपने समाज में बदलाव लाने के लिए आगे आना होगा। इस टीम की ही मेहनत का नतीजा है कि 250 घरों ने इनकी बात मानी और इनके साथ जुडे और गीला और सूखा कूडा अलग अलग करके रखने लगे।

कंपोस्ट बनाने के लिए ये तरीका अपनाते हैं-

मनोज सांबले कहते हैं कि जहां वो खाद्य बना रहे हैं, वहां तरह तरह की प्रजाती के पौधे निकल रहे हैं। वो गाय के लिए हरी सब्जी और रोटी निकालते हैं जिसे गाय को खिला देते हैं। कम्पोस्टिंग करने में घर घर जाकर कूडा एकत्रित करते हैं। बचे हुए सब्जी के छिलके, सब्जी, नींबू, प्याज आदि, सबको मिट्टी के साथ, पुरानी खाद्य और पत्तों का मिश्रण करते हैं। कंपोस्ट विधी के द्वारा वो 15 से 20 दिनों में खाद्य पूरी तरह तैयार हो जाती है। कूडा समस्या नहीं है, ये पेड पौधों में सोने के रुप में काम आ रहा है। बस जरुरत है उसे ढंग से छांटने और सही जगह पर ले जाने की। उन्होंने कहा कि उनका नौ साल का बेटा और उनकी पत्नी कूडे के कंपोस्ट करते हैं। हमारे लिए ये कोई समस्या या बीमारी का घर नहीं है, हां अगर कूडा पहाड़ का रुप ले ले तो वो समस्या बन जाता है।

प्लास्टिक के कचरे का भी करेंगे निस्तरण-

मनोज किचन वेस्ट के अलावा अब प्लास्टिक के कचरे के निस्तरण का भी प्लान बना रहे हैं। वो अब प्लासटिक के कूडे का रिसाईकल और रीयूज पर भी काम कर रहे हैं। वो प्लासटिक को छांटने का काम कर रहे हैं। कैटगरी वाईस, दूध की पन्नीयां, पानी की बोतल आदि, हार्ड प्लासटिक। वो प्लासटिक की बोतल आदि के गमले बना देते हैं, दूध की पन्नी वैगराह को कंपनी को देते हैं ताकी वो लैंडफिल साईटस पर ना जाए।

जानें, क्यों सिगरेट न पीने वालों को भी हो रहा है लंग कैंसर

 

Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Copy Link
By dastak
Follow:
Dastak India Editorial Team
Previous Article Boil eggs, Mumbai hotel, four seasons, bananas, kartik Dhar, social media photo viral दो केलों के बाद अब सोशल मीडिया पर छाए दो उबले अंडे
Next Article फरीदाबाद, हरियाणा, Suicide, DCP Vikram kapoor, service rifle फरीदाबाद के DCP विक्रम कपूर ने गोली मारकर की खुदकुशी

दस्तक इंडिया की खबरों की समझ

दस्तक इंडिया मीडिया समूह समझता है कि सोशल मीडिया के इस जमाने में आपके पास ब्रेकिंग न्यूज के काफी विकल्प हैं। इसलिए हम उनपर फोकस न करते हुए आपके लिए इनसाइड स्टोरी पर ज्यादा जोर देते हैं, क्योंकि वो आपको कोई नहीं बताता। इसके अलावा हम आपको धर्म, लाईफस्टाईल, टेक और ऑटो जैसी कटैगरी की खबरें भी आप तक पहुंचाते हैं।
FacebookLike
TwitterFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow
- Advertisement -
Ad image

Popular Posts

COVID-19: देश में बीते 24 घंटे में दर्ज किए गए 1134 नए मामले, एक्टिव केस पहुंचे 7000 के पार

कोरोनावायरस के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बुधवार…

By Dastak Web Team

28 मई को होगा नए संसद भवन का उद्घाटन, जानें इसमें क्या है खास?

28 मई को, दिल्ली में नए संसद भवन (Parliament House) का उद्घाटन भारत के प्रधान…

By dastak

छठ के पटाखे और प्रदूषण, बदलती दिल्ली की संस्कृती

अजय चौधरी बिहार के गया में छठ पूजा के दौरान घाटों में पटाखे छोडने पर…

By dastak

आप ये भी पढ़ें

लाइफस्टाइलहोम

How to Deal with Angry Wife: क्या आपकी पत्नी को भी आता है बार-बार गुस्सा? जानें कैसे करें शांत

By रुचि झा
मनोरंजनहोम

Aamir Khan Depression After Divorce: film Lagaan की सफलता के पीछे छिपा था अकेलापन और दर्द”

By रुचि झा
मनोरंजनहोम

Shefali Jariwala Death Case: शेफाली जरीवाला की मौत की भविष्यवाणी हो चुकी थी बहुत पहले, देखें वीडियो

By रुचि झा
लाइफस्टाइलहोम

अलसी और एलोवेरा: Powerful Combination for skin and hair

By रुचि झा
Dastak Logo Small
Facebook Twitter Google-plus Wordpress Wordpress

About US

दस्तक इंडिया एक डेडिकेटेड इंडिपेंडेंट खबर वेबसाइट है जहाँ हमलोग ताजा खबरें देश, विदेश ओर बिज़नेस, एंटरटेनमेंट ट्रेवल, रिलिजन, जीवन शैली, क्राइम, राजनीती, इत्यादि आप तक पहुंचाते हैं।

हम लोग एक टीम है पत्रकारिता से जुड़े हुए जिनका मक़सद है लोगों तक सही खबर पहुंचना बिना किसी डर , बिना किसी के फेवर किये हुए।

© Dastak India News Website. All Rights Reserved.

 

Contact Us

Disclaimer 

Join Us!

Subscribe to our newsletter and never miss our latest news, podcasts etc..

Email Address*

I accept the terms and conditions

Zero spam, Unsubscribe at any buzzstream.
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?