बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा का आज यानी सोमवार को दिल्ली में निधन हो गया। 82 वर्षीय जगन्नाथ मिश्रा काफी लंबे समय से बीमार थे। वहीं, उनके निधन पर बिहार में 3 दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया गया है। मिश्रा के निधन पर कई दिग्गज नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। आइये मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर बताते है कैसा था जगन्नाथ मिश्रा का राजनीतिक सफर…
Bihar Chief Minister Nitish Kumar has expressed grief on the death of former CM #JagannathMishra. Three-day state mourning declared in Bihar. The former CM will be cremated with state honours https://t.co/09Yc5e3Qj2
— ANI (@ANI) August 19, 2019
जगन्नाथ मिश्रा एक नहीं बल्कि 3 बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके थे। वह साल 1975 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। दूसरी बार साल 1980 में मुख्यमंत्री पद पर रहे। वहीं, तीसरी बार 1989 में तीन महीने के लिए सीएम रहे। वह 90 के दशक के बीच केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रहे। कांग्रेस छोड़ने के बाद, वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए और इसके बाद वह जनता दल (यूनाइटेड) के साथ जुड़े।
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रोफेसर के रूप में की थी। वह बिहार यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र पढ़ाते थे। राजनीति में उनकी खास रुचि थी क्योंकि उनके बड़े भाई, ललित नारायण मिश्र राजनीति में थे। बता दे उनके भाई भाई ललित नारायण मिश्रा 1973 से 1975 तक इंदिरा गांधी की सरकार में रेल मंत्री थे। 3 जनवरी 1975 को समस्तीपुर बम-विस्फोट में उनकी मृत्यु हो गई थी। जगन्नाथ मिश्रा को जमीनी नेता माना जाता था। उनका नाम बिहार के बड़े नेताओं में गिना जाता है।
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वहीं, 30 सितंबर 2013 को रांची में एक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो ने चारा घोटाले में 44 अन्य लोगों के साथ उन्हें दोषी ठहराया। उन्हें चार साल की कारावास और 200,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। जगन्नाथ मिश्रा पर आरोप था कि इन्होंने दुमका और डोरंडा निधि से धोखाधड़ी कर रुपये निकाले। लेकिन हाल ही में रांची हाई कोर्ट ने मिश्रा को इस मामले में बरी कर दिया था। वहीं, चारा घोटाला मामले में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव अभी जेल में हैं।
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