बीते दिन कैबिनेट की बैठक के बाद वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ई-सिगरेट पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है। वित्तमंत्री के इस फैसले के बाद ई-सिगरेट के प्रोडक्शन, मैन्युफैक्चरिंग, इंपोर्ट/एक्सपोर्ट और बिक्री पर पूरी तरह से बैन लग गया है। वहीं, अब कोई भी मीडिया ई-सिगरेट का विज्ञापन नहीं दिखाएंगी।
वहीं, हेल्थ मिनिस्ट्री ने भी पहली बार नियमों का उल्लंघन पर एक साल तक की जेल और एक लाख रुपये का जुर्माना का प्रस्ताव दिया है। वहीं एक से अधिक बार नियम तोड़ने पर मिनिस्ट्री ने पांच लाख रुपये जुर्माना और तीन साल तक जेल की सिफारिश की है। ई-सिगरेट के साथ-साथ ई-हुक्का पर भी बैन लगा दिया है।
ये होती है ई-सिगरेट
ई-सिगरेट चार्जिंग यानी बैटरी से चलने वाली सिगरेट है। ई-सिगरेट में निकोटिन का सॉल्यूशन गर्म होकर भाप के रूप में पीने वाले के फेफड़ों में जाती है, जिससे सिगरेट पीने जैसा एहसास होता है। इस तरह के उपकरणों को ईएनडीएस कहा जाता है, जिनका प्रयोग किसी घोल को गर्म कर एरोसोल बनाने के लिए किया जाता है। वहीं, इन ई-सिगरेट में अलग-अलग तरह के फ्लेवर यानी स्वाद भी होते है। ईएनडीएस वाले प्रोडक्ट्स पारंपरिक सिगरेट और सिगार की तरह ही नहीं दिखते, बल्कि कई बार ये पेन या यूएसबी ड्राइव जैसे भी दिखते हैं।
वहीं, भारत में ईएनडीएस उत्पादों को बनाने और बेचने वाली कंपनियों का दावा था कि उनके उत्पाद पारंपरिक उत्पादों के बदले कम हानिकारक हैं। लेकिन इन सिगरेट में जिस लिक्विड का इस्तेमाल किया जाता है, वह कई बार निकोटिन होता है और कई बार उससे भी ज्यादा खतरनाक रसायन होते हैं। इसके अलावा कुछ ब्रांड्स ई-सिगरेट में फॉर्मलडिहाइड का इस्तेमाल करते हैं, जो बेहद खतरनाक और कैंसरकारी तत्व हैं।
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इस वजह से लगाया बैन
आपको बता दे कि ई-सिगरेट ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट, 1940 का उल्लंघन करती है। इस कानून के तहत एक ख़ास तरह का निकोटीन ही स्मोकिंग के लिए स्वीकार्य है। जबकि जो निकोटिन ई-सिगरेट में इस्तेमाल होता है वह स्वीकार्य वाली कैटेगरी से बाहर है।
वहीं, बता दें कि ई-सिगरेट आपको तंबाकू से होने वाले बुरे असर से बचाती है लेकिन आपको निकोटिन से होने वाले सभी नुकसान होंगे। वहीं, ई-सिगरेट का सेवन करने से व्यक्ति को डिप्रेशन होने की संभावना दोगुनी हो जाती है। एक शोध के मुताबिक जो लोग ई सिगरेट का सेवन करते हैं, उन्हें हार्ट अटैक का खतरा 56 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। वहीं लंबे समय तक इसका सेवन करने से ब्लड क्लॉट की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है।
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