पीएम नरेंद्र मोदी ने गांधी जयंती के खास मौके पर ‘सिंगल प्लास्टिक यूज’ के इस्तेमाल को कम करने की अपील की। इसी को देखते हुए चंडीगढ़ में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है। वहीं, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि इतना जुर्माना लगाओ कि लोग अपनी आदत बदल लें।
दरअसल, हाल ही में चंडीगढ़ प्रशासन ने सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। इस नोटिफिकेशन में शहर में किसी भी तरह के सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्मोकोल के इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। इस नोटिफिकेशन में पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत, जो कोई इन आदेशों का पालन नहीं करता है, उसे अधिकतम 5 साल की सजा या 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। और खास मामलों में दोनों एकसाथ लगाए जा सकते है।
चंडीगढ़ पर्यावरण विभाग के मुताबिक, यह सख्ती सिर्फ आम लोगों पर नहीं होगी बल्कि दुकानदारों और शोरूम संचालकों पर भी होगी। प्लास्टिक बैन होने के बावजूद जिन दुकानों और शोरूम पर पॉलीथीन, प्लास्टिक और थर्मोकोल का इस्तेमाल होते मिलेगा, उनके बिजली और पानी के कनेक्शन काटे जाएंगे। दुकान-शोरूम सील करने का प्रावधान भी किया गया है। साथ ही, प्लास्टिक, थर्माकोल, स्टायरोफोम वस्तुओं का दुकानदार, विक्रेता, होल सैलर विक्रेता, व्यापारी, फेरीवाला या रेहड़ीवाला, कोई भी व्यक्ति निर्माण, स्टोरेज, आयात, बिक्री, आपूर्ति या उपयोग नहीं कर सकता।
वहीं, चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा सिंगल यूज़ प्लास्टिक और थर्मोकोल बैन को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए प्रोटोकॉल गाइडबुक भी बांटी जा रही है, ताकि लोगों को मालूम हो कि प्लास्टिक की किस चीज के इस्तेमाल पर बैन लग गया है और किस चीज पर 3 महीने बाद बैन लगेगा।
इन पर लगा बैन
-सिंगल यूज प्लास्टिक कटलरी (प्लेट, कप, गिलास, बाउल, फोर्क, चाकू, चम्मच, स्ट्रॉ)
-थर्मोकॉल/स्टेयरोफाम कटलरी (प्लेट, कप, गिलास, बोतल वगैरह)
-सिंगल यूज प्लास्टिक कंटेनरस (बोतल, ट्रे, गिलास, लिडस) 250 माइक्रोन से कम
-फूड आइटम की पैकिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली सिल्वर एल्यूमीनियम, प्लास्टिक बैग या पाउच
-ड्रिंकिग वाटर सील्ड ग्लास और प्लास्टिक मिनरल वाटर पाउच
-एक बार इस्तेमाल होने वाले रेजर्स, पेन
-डेकोरेशन में इस्तेमाल होने वाला प्लास्टिक और थर्मोकोल
-डेकोरेशन में इस्तेमाल होने वाली रैपिंग, पैकिंग शीट, फ्रिल्स, गारलैंड, पार्टी ब्लूपर्स, प्लास्टिक रिबन
-नॉन वोवेन पोलीप्रोपोलिन बैग
-हैंडल और बिना हैंडल के सभी साइज और रंग में प्लास्टिक/पॉलीथिन कैरी बैग
जानें, क्या है दिल्ली से कटरा जाने वाली ‘वंदेभारत एक्सप्रेस’ की खासियत
ये चीजें तीन महीने बाद होंगी बैन
-50 माइक्रोन्स से कम किसी भी तरह की इंडस्ट्रियल पैकेजिंग
-डेरी आइटम में इस्तेमाल होने वाली 250 माइक्रोन से कम की पैकेजिंग, खीर, आइसक्रीम के कंटेनर आदि
-50 एमएल/50 ग्राम से कम पैकेजिंग कैपेस्टी के सैशे
-ईयर बड में इस्तेमाल होनी वाली प्लास्टिक स्टिक्स, बैलून, फ्लैग, कैंडीस
-500 एमएल क्वांटिटी से कम प्लास्टिक रीफिल पाउच
-टेट्रा पैक के साथ मिलने वाली स्ट्रॉ
-मल्टीलेयर्ड पैकेजिग जो फूड/स्नैक्स पैकिग में इस्तेमाल होती है।
देश की पहली प्राईवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस के विरोध के पीछे क्या है कारण?