दुनियाभर में मशहूर लवकुश रामलीला कमिटी में राम के जीवन से जुड़ी कई लीलाओं का मनोहारी मंचन किया गया। वहीं, रामलीला के आठवें दिन यानी रविवार की शुरुआत श्रीराम और रावण के दूतों के बीच हुए युद्ध से की गई। इस युद्ध में सबसे पहले घु्रम राक्षस के वध का मंचन किया गया। वहीं, घु्रम राक्षस के वध के बाद इस युद्ध में व्रजात राक्षस भी मारा जाता है।
इसके बाद जब रावण को पता चलता है कि उसके दोनों राक्षस यानी उसके दोनों दूत युद्ध में मारे गए है तो ये जानकार रावण का पारा सातवें आसमान पर चढ़ जाता है। फिर ऐसे में रावण अपने अकंपन राक्षस को युद्धभूमि में भेजता है, लेकिन अकंपन के साथ अश्वकर्ण का भी वध हो जाता है। लेकिन, जब प्रहस्त का भी वध हो जाता है, तो रावण को हारकर मेघनाद को युद्धभूमि में भेजना पड़ता है।
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इस रामलीला में हुए युद्ध के दौरान जब रावण के सभी राक्षस मारे जाते है तो रावण खुद युद्धभूमि में आता है। साथ ही, कुंभकर्ण को भी नींद से जगाने का भी दृश्य दिखाया गया। वहीं, रावण से बातचीत करने के बाद कुंभकर्ण युद्धभूमि में आता है, लेकिन उसका भी वध हो जाता है, जिससे रावण बेहद दुखी और व्याकुल हो जाता है। इधर, मेघनाद द्वारा किए जा रहे यज्ञ को लक्ष्मण भंग कर देता है, जिससे मेघनाद क्रुद्ध हो उठता है और लक्ष्मण को युद्ध के लिए ललकारता है। इन सब प्रसंगों का मनोहारी मंचन देखने को मिला।
रामलीला के आठवें दिन की लीला में रावण के किरदार में अवतार गिल, श्रीराम के किरदार में गगन मलिक, लक्ष्मण की भूमिका में मोहित, सीता की भूमिका में अंजना सिंह आदि ने इंद्रधनुषीं अभिनय का नमूना पेश किया।
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