देश में लगातार बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए केंद्र सरकार अलग-अलग योजना बना रही है। वहीं, अब हाल ही में मोदी सरकार ने बिगड़ते जलवायु से पर्यावरण को बचाने का एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार हरित क्षेत्र बढ़ाने के लिए गुजरात से दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर तक ग्रीन वॉल बनाएगी। अफ्रीका में सेनेगल से जिबूती तक बनी ग्रीन वॉल की तरह ही ‘ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया’ को विकसित किया जाएगा। ये वॉल करीब 1400 किलोमीटर लंबी और 5 किलोमीटर चौड़ी होगी।
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, कई मंत्रालयों ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई है कि जलवायु परिवर्तन को लेकर ग्रीन वॉल बनाई जानी चाहिए। वहीं, अगर इसपर मुहर लग जाती है, तो बढ़ते प्रदूषण की समस्या का बहुत हद तक निदान हो जाएगा। बता दें कि अफ्रीका में प्रदूषण और रेगिस्तान की समस्या से निपटने के लिए ‘ग्रेट ग्रीन वॉल ऑफ सहारा’ बनाया है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, ‘ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया’ को थार रेगिस्तान के पूर्वी तरफ विकसित किया जाएगा। ये वॉल गुजरात के पोरबंदर से हरियाणा के पानीपत को कवर करेगी। इस वॉल से कम हो रहे हरित क्षेत्र को बढ़ाया जा सकेगा। इसके साथ ही गुजरात, राजस्थान, हरियाणा से लेकर दिल्ली तक फैली अरावली की पहाड़ियों पर भी हरित क्षेत्र को संरक्षित किया जा सकेगा।
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साथ ही, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि ग्रीन वॉल को गुजरात से दिल्ली बॉर्डर तक के लिए बनाया जाता है इसमें कम से कम 2030 तक का वक्त लगेगा। बता दें अफ्रीका में ‘ग्रेट ग्रीन वॉल’ पर करीब एक दशक पहले काम शुरू हुआ था। हालांकि कई देशों की भागीदारी होने और उनकी अलग-अलग कार्यप्रणाली के चलते अब भी यह हकीकत में तब्दील नहीं हो सका है। भारत सरकार ने ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट के तहत 26 मिलियन हेक्टेयर भूमि को प्रदूषण मुक्त करने का लक्ष्य रखा है।
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