गुरुग्राम स्थित एसजीटी यूनिवर्सिटी में तीन दिवसीय ‘विराट युवा महोत्सव’ का आयोजन किया गया, जिसमें दिल्ली-एनसीआर और अन्य राज्यों के 300 स्कूल-कॉलेजों के 20 हजार से भी ज्यादा छात्र हिस्सा लिया। वहीं, इस कार्यक्रम की शुरुआत दो बड़ी घोषणाओं के साथ की गई। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय शिक्षण मंडल के संगठन मंत्री मुकुल कनिट्कर ने शिरकत की।
इसी खास मौके पर उन्होंने घोषणा की कि एसजीटी यूनिवर्सिटी और रिसर्च फॉर रिसर्जेंस फाउंडेशन (नागपुर) के बीच एमओयू एक समझौता हुआ है, जिसका मकसद शोध के क्षेत्र में नई-नई मिसाल हासिल करना है। साथ हीं, उन्होंने कहा कि इस समझौते के बाद से दोनों संस्थाएं मिलकर शोध के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए काम करेंगे और ये संस्थाएं न केवल शैक्षिक बल्कि औद्योगिक क्षेत्र में भी शोध को बढ़ावा देंगे।
साथ ही, उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य मनुष्य बनाना है। कल्पना मनुष्य का सबसे बड़ा गुण है और उसमे असीम संभावना की क्षमता होती है। शिक्षा का मुख्य कार्य जोड़ना है परन्तु पश्चिम सभ्यता जीवन और संसार को अलग-अलग टुकड़ो में तोड़ कर देखती है और भारतीय सभ्यता उन्हें जोड़कर, यानी विविधता में एकात्मकता देखती है। हम अगर शिक्षा में कल्पना, कर्म और करुणा को सम्मलित कर ले तो ‘बहुजन हिताये’, और ‘सर्वे भवन्तु सुखिना’ जैसे लक्ष्यों को पाना संभव है।
हरियाणा: गन्नौर के देवडु गांव के लोग महंगी बिजली और चालान के बढ़े दामों से है परेशान
वहीं, इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि हरभजन सिंह, डायरेक्टर, कॉरपोरेट एवं जनरल अफेयर्स ने इस अवसर पर कहा कि मानव जीवन और खास तौर पर विद्यार्थी जीवन में समय का सही इस्तेमाल किया जाना चाहिए। साथ हीं, कहा उनकी कंपनी औद्योगिक क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही एसजीटी यूनिवर्सिटी में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना करेगी।
इसके अलावा, एसजीटी के सीईओ डॉ रिजवान मुसन्ना ने नवीनता के लिए ध्यानपूर्वक निरीक्षक की बात पर जोर दिया। सिनर्जी कार्यक्रम के चेयरमैन डॉ. एम एस सिद्धू ने कार्यक्रम के आयोजन और संचालन पर संतोष जाहिर किया।
आचार्य लोकेश के 37वें दीक्षा दिवस पर ‘अहिंसा योग एवं मेडिटेशन सेंटर’ का किया शुभारंभ