आज की तारीख यानी 12 नवंबर देश के पूर्व दिगवंत प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से जुड़े 40 साल पुराने एक किस्से को याद दिलाती है। 40 साल पहले ही आज के दिन पूर्व पीएम ने आरएसएस संघ को चेतावनी दे डाली दी थी कि इस संघ को लोकदल द्वारा देशभर में कहीं भी एक भी चुनावी मीटिंग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस दौरान पूर्व पीएम आरएसएस संघ से काफी नाराज चल रहे थे।
पूर्व पीएम के इस सख्त बयान को अंग्रेजी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने बहुत प्राथमिकता से छापा था। उनकी इस नाराजगी के पीछे की वजह आरएसएस संघ द्वारा उनकी पब्लिक रैली में बाधा डालना था। उस समय चौथी बार अपनी रैली के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस संघ हेकलिंग कर उनकी सार्वजिनक रैलियों में परेशानी पैदा कर रहा है और तभी उन्होंने आरएसएस को जमकर खरी-खोटी सुनाई।
जिस समय पूर्व पीएम ने आरएसएस को चुनाव मीटिंग न करने को आगाह किया था तब वह विधानसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी प्रचार के लिए मध्यप्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर थे। साथ ही, उन्होंने आरोप लगाया कि इससे पहले भी तीन रैलियों में भी उनका मजाक बनाने की कोशिश की गई। इन तीन रैलियों में झाबुआ, रतलाम और धरौन शामिल थे।
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बता दें, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले पूर्व दिगवंत प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह 23 दिसंबर 1902 को उत्तरप्रदेश के एक जाट परिवार में जन्मे थे। 1979-80 के दौरान देश के पांचवे प्रधानमंत्री बने पूर्व पीएम ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान राजनीति में अपने कदम रखे थे। वहीं, उन्होंने अपना पूरा जीवन किसानों से जुड़े मुद्दों को उठाने में लगा दिया। उन्होंने स्वधीनता और सविनय अवज्ञा जैसे आंदोलनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। 19 मई 1987 को चौधरी चरण सिंह का निधन हो गया था।