मानव संसाधन और विकास मंत्रालय (MHRD) ने हाल ही में आईआईटी के छात्रों को लेकर कुछ आंकड़े जारी किये है, जोकि बेहद ही चौंका देने वाले है। MHRD के अंतर्गत काम करने वाले उच्च शिक्षा विभाग ने आईआईटी में पढ़ने वाले छात्रों द्वारा की गई आत्महत्या को लेकर आंकड़े पेश किये है, जिसके अनुसार पिछले पांच सालों में 27 छात्रों ने खुदकुशी की है।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच सालों (2014- 2019) में 10 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के 27 छात्रों ने आत्महत्या की है। इन पांच सालों में आत्महत्या करने वाले सबसे ज्यादा छात्र आईआईटी मद्रास से है। इस संस्थान के सात छात्रों द्वारा खुदकुशी की गई। वहीं, इस दौरान आईआईटी खड़गपुर के पांच छात्रों ने आत्महत्या की।
इसके अलावा, आईआईटी दिल्ली और हैदराबाद के तीन-तीन छात्रों ने इस अवधि के दौरान खुदकुशी की। वहीं, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी गुवाहाटी और आईआईटी रूड़की से दो- दो छात्रों ने सुसाइड की। साथ ही, वाराणसी के आईआईटी (बीएचयू), आईआईटी (इंडियन स्कूल ऑफ माइंस) धनबाद और आईआईटी कानपुर से एक- एक छात्र ने यह कदम उठाया। इन आंकड़ों का खुलासा सूचना के अधिकार (आरटीआई) से मिली जानकारी से हुआ है।
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हालांकि, इन संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों ने किन वजहों से आत्महत्या की, इसकी शिक्षा विभाग ने कोई जानकारी नहीं दी। वहीं, इस रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच सालों में आईआईटी इंदौर, पटना, जोधपुर, भुवनेश्वर, गांधीनगर, रोपर, मंडी, तिरुपति, पलक्कड़, भिलाई, जम्मू, गोवा और धारवाड़ से इस तरह का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है। इसका मतलब इन संस्थानों से किसी भी छात्र ने इस तरह का कोई कदम नहीं उठाया है। बता दें, देशभर में फ़िलहाल 23 आईआईटी संस्थान चल रहे हैं।
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