सोशल मीडिया पर इन दिनों 2000 रुपये के नोट को लेकर खबरें चल रही है कि नए साल से 2000 के नोटों का चलन खत्म हो जाएगा। वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि नए साल यानी एक जनवरी से 2000 रुपये के नोटों का चलन खत्म हो जाएगा और फिर से एक हजार के नोट जारी किये जाएंगे। इस खबर के वायरल होने के बाद से लोग भी काफी हैरान है और इसकी चर्चा चारो तरफ जारी है।
सोशल मीडिया पर वायरल इस खबर का मामला संसद तक भी पंहुच चुका है। इस खबर से जुड़े तमाम सवालों पर विराम लगाते हुए वित्त और कारपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने राज्यसभा में सफाई पेश की है। इस दौरान उन्होंने कहा कि फिलहाल 2000 रुपये का नोट बंद करने की कोई भी योजना सरकार नहीं कर रही है। नोटबंदी को लेकर सोशल मीडिया में वायरल तमाम मैसेज केवल अफवाह हैं। इसके अलावा सरकार 1 हजार रुपये का नोट नहीं ला रही है, ये बात भी झूठी है।
साथ ही, वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि नोटबंदी का फैसला कालेधन को खत्म करने, नकली नोट प्रिंटिंग से बचने, आतंकवाद की फंडिंग रोकने और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए लिया गया था। जिसके चलते 8 नवंबर 2016 की शाम से 500 और हजार रुपये के नोटों को अवैध करार दिया गया था। इसके साथ ही 2000 रुपये का नया नोट जारी किया गया था।
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वहीं, करेंसी सर्कुलेशन के बारे में संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक, 4 नवंबर 2016 को 17,74,187 करोड़ रुपये के नोट सर्कुलेशन में थे, जो 2 दिसंबर 2019 को बढ़कर 22,35,648 करोड़ रुपये पर पहुंच चुके हैं। हालांकि, RBI पहले ही इस तरह की तमाम वायरल खबरों को ख़ारिज कर चुका है। RBI ने साफ किया है कि इस तरह का कोई आदेश उन्होंने किसी भी बैंक को नहीं दिया है। SBI के ATM से 2000 के नोट के स्लॉट को हटाने की खबर भी झूठी है। अधिकारियों के मुताबिक, इस तरह का कोई आदेश दिए जाने पर उससे जुड़े डॉक्यूमेंट्स को सबसे पहले RBI की वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है। इसलिए इस तरह की किसी भी अफवाह पर लोग ध्यान न दें।
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