अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में दिल्ली की एक अदालत ने वायुसेना के चार पूर्व अधिकारियों को कोर्ट में तलब किया है। 3600 करोड़ के इस वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में अदालत ने इन पूर्व अधिकारियों को 30 जुलाई को पेश होने को कहा है। सीबीआई ने इस मामले में अदालत को सूचना देते हुए बताया है कि उसने आवश्यक प्रतिबंध लगा दिए हैं।
सीबीआई अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी के भारत के रक्षा मंत्रालय से हुए 3600 करोड़ के अनुबंध की जांच कर रही है। जिसके तहत भारत को 12 AW101 मॉडल वाले दोहरे उपयोगी वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीदे जाने थे।
वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाला-
फरवरी 2010 में भारत में मौजूदा यूपीए सरकार ने अगस्ता वैस्टलैंड कंपनी से 12 हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए 556.262 मिलियन यूरो में समझौता किया था। ये हेलिकॉप्टर भारत के वीवीआईपी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को सफर कराने में इस्तेमाल किए जाने थे।
इसमें यह बात भी सामने आ रही है कि अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए हेलिकॉप्टर के अंदर जो सुविधाएं थी उन्हें भी कम किया जा रहा था। बाद में रिपोर्टों से अनुमान लगाया गया था कि हेलिकॉप्टर सौदे की कुल कीमत निकलकर 3600 करोड़ रुपए आ रही है।
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इस मुद्दे ने उस समय राजनीतिक रंग ले लिया जब इस विवाद से देश के कई सारे कांग्रेसी नेताओं के नाम जुड़ गए। भारतीय एजेंसियों ने इस मामले में दुबई और देश के कईं हिस्सों से ऐसे बिचौलियों को भी गिरफ्तार किया है जो इस डील को सफल बनाने के लिए रिश्वत ले रहे थे।
सीबीआई ने इस मामले में पहले दाखिल की अपनी चार्जसीट में सरकारी खजाने को 398 मिलयन यूरो जो करीब 2,666 करोड रुपए बैठते हैं का अनुमानित नुकसान बताया था।