देश की प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया को केंद्र से मिलने वाले विज्ञापनों में 75 प्रतिशत की गिरावट आई है। केंद्रीय सूचना एंव प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने 28 जुलाई को राज्यसभा में आंकड़े रखें जिससे साफ हो गया कि केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले विज्ञापनों के खर्चे में 75 प्रतिशत तक कटौती की गई है।
संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मंत्री अनुराग ठाकुर ने जो आंकड़े उपलब्ध कराए, उसके अनुसार 2018 के वित्तय वर्ष में केंद्रीय संचार ब्यूरो का प्रिंट विज्ञापनों का खर्च 636.09 करोड़ रुपए रहा, वहीं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर विज्ञापनों के लिए 468.92 करोड़ रुपये उस समय खर्च किए गए थे। 2018 में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर विज्ञापनों के रुप में किया गया कुल खर्च जोड़कर 1 हजार 105.01 करोड़ रुपए था। लेकिन इसके बाद से इसमें लगातार गिरावट आई है।
वित्तिय वर्ष 2022 में केंद्र सरकार ने प्रिंट मीडिया को मिलने वाले विज्ञापनों पर 179.04 करोड़ रुपए खर्च किया तो वहीं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रपर विज्ञापनों पर 101.24 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इस खर्च का हिसाब लगाया जाए तो ये 280.28 करोड़ रुपए बैठता है। जो 2018 में खर्च किए गए 1,105.01 करोड़ का 25 प्रतिशत ही बैठता है।
माना जा रहा है कि इस साल केंद्र के विज्ञापन के खर्च में ओर कटौती की जा सकती है। अभी 12 जुलाई तक के जो आंकड़े सामने आए हैं उनके मुताबिक प्रिंट मीडिया पर 19.26 करोड़ और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विज्ञापनों पर 13.6 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए हैं।
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केंद्र की मोदी सरकार द्वारा एक अप्रैल 2017 से लेकर अब तक 3,339.49 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। सरकार अब डिजिटल विज्ञापनों पर भी खर्च कर रही है बीते हफ्ते अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया था कि केंद्र ने 1 अप्रैव 2019 से लेकर 30 जून 2022 तक डिजिटल मीडिया पर दिए जाने वाले विज्ञापनों पर 20.58 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
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