जूली चौरसिया
चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव का एलान कर दिया है, लेकिन गुजरात चुनावों का एलान अभी नहीं किया है, अनुमान लगाया जा रहा है कि अब दिवाली के बाद ही गुजरात में चुनावों की घोषणा की जाएगी। हिमाचल प्रदेश में इस बार चुनाव 12 नवम्बर को होंगे और 8 दिसम्बर को मतगणना की जाएगी। गुजरात और हिमाचल के चुनाव एक ही फेज में संपन्न होते आए हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने इस बार गुजरात के चुनावों को लेकर अभी तक कोई जिक्र क्यों नहीं किया है, आईए इसके बारे में जानते हैं।
हिमाचल प्रदेश में पहले चुनाव कराने के पीछे का कारण-
चुनाव आयोग के आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि चुनाव आयोग परम्परा के अनुसार कार्य करता है। हिमाचल प्रदेश में चुनाव की घोषणा के पीछे वहां का मौसम एक बड़ा कारण है। सब कुछ देखने के बाद ही हिमाचल प्रदेश में सबसे पहले चुनाव की घोषणा की गई है। हिमाचल में नवम्बर महीने के मध्य में ही बर्फ़बारी शुरू हो जाती है जिसकी वजह से लोगों को पोलिंग बूथ जाने में बहुत सी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है, इसलिए वहाँ पहले चुनाव किए जाएंगे। जिससे वहां के लोगों को ज्यादा दिक्कतों का सामना न करना पड़े और वो आसानी से मतदान कर सकें।
दूसरा कारण हिमाचल प्रदेश में वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल अगले वर्ष 8 जनवरी को समाप्त होगा और गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले वर्ष 18 फ़रवरी को समाप्त होगा। गुजरात के विधानसभा का कार्यकाल हिमाचल प्रदेश विधानसभा के कार्यकाल से कुल 41 दिन का फर्क है। तीसरा कारण है कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कुल 68 सीटें है जिसमें सरकार बनाने के लिए कुल 40 सीटों पर जित हासिल करनी होगी और जिसके लिए चुनाव एक फ़ेज़ में होना है वहीं दूसरी तरफ गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए कुल 182 सीटें है और इसका चुनाव 2 फ़ेज़ में किया जाता है और जानकारी के मुताबिक़ इस बार भी ये चुनाव 2 फ़ेज़ में ही होंगे।
गुजरात के विधानसभा चुवाव की तारीखों का एलान क्यों नहीं किया गया-
चुनाव आयोग के अनुसार गुजरात और हिमाचल की विधानसभा में 41 दिन से अधिक का अंतर है, गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले साल फरवरी में और हिमाचल का जनवरी में समाप्त हो रहा है। हालांकि चुनाव परिणामों से दोनों राज्यों के वोटर प्रभावित न हों इसलिए दोनों के नतीजे एकसाथ 8 दिसंबर को आने की संभावना है। गुजरात में अभी से चुनाव अचार सहिंता न लगे और लोगों के काम प्रभावित न हो इसे भी चुनाव तारीखों की घोषणा न करने के पीछे कारण माना जा रहा है।
गुजरात और हिमाचल प्रदेश दोनों ही राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, जानकारी के मुताबिक़ गुजरात में विधानसभा चुनाव की तारीख़ का ऐलान दिवाली तक कर दिया जाएगा, हो सकता है कि गुजरात विधानसभा के चुनाव भी नवम्बर में ही हों। चुनाव आयोग ने कहा है की विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन 17 अक्टूबर से शुरू होकर दिवाली के बाद 25 अक्टूबर तक चलेगा और नाम वापिस लेने की आखिरी तारीख़ 29 अक्टूबर बतायी गयी है। 29 अक्टूबर के बाद कोई भी अपना नाम वापिस नहीं ले पाएगा।
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चुनाव आयोग इस बार 80 साल, विकलांग या फिर कोरोना से संक्रमित लोग जो अपने घर से बाहर पोलिंग बूथ तक जा कर मतदान नहीं करना पड़ेगा, आयोग उनके घर जाकर वोट लेने की सुविधा उपलब्ध करवाएगा, जिससे उन्हें अपना मत देने में किसी भी तरह की दिक़्क़त का सामना नहीं करना पड़ेगा और बड़ी ही आसानी वो अपना मत दान कर सकेंगे।
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