दृष्टि आईएएस कोचिंग इंस्टीट्यूट वाले डॉ विकास दिव्यकीर्ती की एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर बडी वायरल हो रही है जिसमें वो भगवान राम के बारे में गलत बात कहते हुए सुन रहे हैं, लेकिन सच में क्या डॉ विकास दिव्यकीर्ती ने ऐसा किया है? या ये सिर्फ बीजेपी का प्रोपोगेंडा है, ये हम इस खबर में बारी बारी जानेंगे। क्योंकि लगातार ट्वीटर से लेकर फेसबुक और वाट्सएप्प ग्रुप्स में उनके इंस्टीट्यूट को बंद कराने की मांग उठ रही है और अब तो लोग इसके खिलाफ सड़कों पर भी उतरने शुरु हो गए हैं।
डॉ विकास दिव्यकीर्ती पर क्या आरोप हैं और ये किसने लगाए हैं?
दरअसल हिंदू नेता साध्वी प्राची जो अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहती हैं और मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान भी उनकी पंचायतों में भूमिका नजर आई थी। वो कई हिंदू संगठनों में काम करती हैं। वो फिलहाल भगवा क्रांती सेना की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, वो वीएचपी और राष्ट्रीय सेविका समीति से भी जुड़ी हैं। ये अक्सर ट्वीटर पर बीजेपी के पक्ष में ट्वीट करती नजर आती हैं। साध्वी प्राची के ट्वीटर हैंडल से एक वीडियो पोस्ट किया गया जिसके कैप्शन में लिखा गया कि रीट्वीट करें, अगर आप चाहते हैं कि दृष्टी आईएएस संस्थान को बैन किया जाए।
इस वीडियो में विकास दिव्यकीर्ती कहते हुए सुन रहे हैं कि “राम ने जो बोला है, बड़ा खराब वाक्य बोला है, बोलते हुए मेरी जबान कड़वी हो जाएगी, मगर क्या करें बोलना होगा। तो वो वाक्य ये है कि हे सीते अगर तुम्हे लगता है कि ये युद्ध मैंने तुम्हारे लिए लड़ा है तो ये मेरी गलत फहमी है, युद्ध तुम्हारे लिए नहीं लड़ा है। युद्ध अपने कुल के सम्मान के लिए लड़ा है और रही तुम्हारी बात जैसे कुत्ते द्वारा चाटे जाने के बाद घी भोजन योग्य नहीं रहता है, वैसे तुम अब मेरे योग्य नहीं हो।”
विवाद इसी पर है कि राम ने सीता को कुत्ते द्वारा चाटे जाने के बाद अशुद्ध घी से तुलना कैसे कर दी, इसपर विवाद हो गया। इसके बाद बीजेपी हरियाणा के आईटी सेल प्रमुख रहे अरुण यादव और अन्य कार्यकर्ताओं ने इसे फैलाना शुरु कर दिया। यादव ने विकास दिव्यकीर्ती को हिंदू धर्म का विरोधी बताया, हालांकि बाद में इन्होंने गुपचुप तरीके से इस ट्वीट को डिलीट भी कर दिया गया।
Retweet If You Want . #BanDrishtiIAS pic.twitter.com/1yeLcZ9cHK
— Dr. Prachi Sadhvi (@Sadhvi_prachi) November 11, 2022
विकास दिव्यकीर्ती ने नहीं किया हिंदू धर्म का विरोध-
आपको बता दें जो वीडियो सोशल मीडिया पर विकास दिव्यकीर्ती के खिलाफ वायरल की जा रही है वो दरअसल एक अधूरी वीडियो है और अधूरा ज्ञान हमेशा हानीकारक होता। अधूरी वीडियो के वायरल होने के बाद विकास दिव्यकीर्ती के छात्रों और समर्थकों ने पूरी वीडियो पोस्ट की जिससे ये सारा राज खुल सका और पता चला कि वो संस्कृत के एक ग्रंथ में लेखक द्वारा कहे गए वाक्य को कक्षा में बता रहे हैं कि ऐसा राम नहीं लेखक ने लिखा है, लेकिन इससे छवी राम के चरित्र की बिगड़ती है। इससे संबधित वीडियो हम नीचे पेस्ट कर रहे हैं ताकि आप वाट्सएप्प यूनिवर्सिटी के आंकडों से बाहर निकल अपने दिमाग से चीजें समझ सकें।
Subject is Hindi optional (class no.15) batch 2020…
This is what gandh bhakts are spreading, the starting part of the video and hiding the another part, here is the full video. #ISupportVikasSir #ISupportDrishtiIAS pic.twitter.com/9rOYsNw1pT
— Jeet Singh (@JeetSin71481210) November 11, 2022
इसके अलावा विकास दिव्यकीर्ती ने इस विवाद के संबध में मीडिया वेबसाइट दी ललनटॉप पर भी एक इंटरव्यू दिया है जिसमें वो इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं। वो यहां कहते हैं कि जितने हिंदू वो लोग हैं उतना ही हिंदू में भी हूं और इसके लिए मुझे किसीको प्रमाण देने की जरुरत नहीं है। वो बताते हैं कि वाल्मीकी रामायण में ये वाक्य है जिसका वो न चाहते हुए भी बच्चों को पढ़ाने के लिए संदर्भ दे रहे थे। वो गीता प्रेस द्वारा छापी महाभारत के दूसरे खंड में इस वाक्य को पढ़ते हैं जिसमें ये कुत्ते के चाटने वाली बात लिखी है। वो इसके लिए सभी किताबे लेकर स्टूडियो भी आते हैं ताकि विरोध करने वालों को समझाया जा सके। हमने ये वीडियो भी नीचे लगाई है ताकि आप इसे देखें और समझ सकें कि किसी भी व्यक्ति विशेष का विरोध करने से पहले असल तथ्य क्या हैं, या कम से कम उनके आने का इंतजार कर सकें।