भारत ने गुरुवार को परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल “अग्नी-5” का सफलता पूर्वक रात्री ट्रायल कर लिया है। ये मिसाइल भारत की आत्मरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, इसकी लक्ष्य भेदने की क्षमता 5000 किलोमीटर से अधिक है।
मीडिया में आ रही रक्षा सूत्रों के हवालों से खबर ने इस मिसाइल के सफलतापूर्वक परिक्षण पर मोहर लगा दी है। भारत ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर चीनी सैनिकों से भारतीय सैनिकों की भिडंत के कुछ दिनों बाद ही ये ट्रायल किया है। इस घटना में दोनों पक्षों के कुछ सैनिक घायल हुए थे लेकिन किसी भी तरफ के सैनिक की मौत नहीं हुई थी।
चीन जता चुका है अपनी चिंता-
आपको बता दें बीते साल ही चीन ने संयुक्त राष्ट सुरक्षा परिषद में 1172 के एक प्रस्ताव में भारत के परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल “अग्नी-5” प्रक्षेपण करने के बारे में अपनी चिंता जाहिर की थी। ये प्रस्ताव भारत के 1998 में परमाणु परिक्षण के बाद से लेकर अब बीते साल जारी किया गया है।
अग्नी-5 के बारे में-
अग्नि-5 भारत की एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत विकसित की गई है, ये सतह से सतह पर वार करने वाली उन्नत बैलिस्टिक मिसाइल है। इस मिसाइल को एक बार दागो और फिर भूल जाओ, बाकि काम ये अपने आप कर लेगी, ऐसी तकनीक पर इसे विकसित किया गया है। इसे इंटरसेप्टर मिसाइल के बिना रोका नहीं जा सकता है।
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डॉ अब्दुल कलाम का था सपना-
इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (IGMDP) के पीछे भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का दिमाग था और उन्होंने इसकी तरफ भारत के कदम बढ़ाए थे, उन्होंने भारत को मिसाइल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा था। कार्यक्रम में पांच मिसाइल हैं- P-A-T-N-A जिसमें पृथ्वी, अग्नि, त्रिशूल, नाग और आकाश शामिल है।
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