स्नेहा मिश्रा
राज्यों के वित्त और केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली परिषद ने यह फैसला किया है कि अब वाहन को एसयूवी के रूप में वर्गीकृत करने के लिए ईंधन क्षमता, लंबाई और ग्राउंड क्लीयरेंस सहित सभी मापदंडों को पूरा करना होगा। वर्तमान समय में 1500 सीसी से अधिक इंजन क्षमता, 400mm से अधिक लंबाई और 170 एमएम की ग्राउंड क्लीयरेंस वाली कारों पर 28% जीएसटी और 22% उपकर लगता है। जिससे प्रभावी कर दर 50% तक बढ़ जाता है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स के चेयरमैन ‘विवेक जौहरी’ ने कहा कि यदि कारें इनमें से किसी भी मानदंड को पूरा नहीं करती है, तो कम सेस रेट लागू होगा। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि एक आंतरिक समिति इस बात पर भी सोच-विचार करेगी कि क्या मोबिलिटी यूटिलिटी वाहनों को भी उच्च उपकर सीमा के तहत आने के लिए इन मानदंडों को पूरा करना होगा? वहीं वित्त मंत्री ने कहा कि एमयूवी पर चर्चा होनी तब शुरू हुई जब कुछ राज्यों के द्वारा पूछा गया कि ‘क्या सेडान को एसयूवी की श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए?’
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राज्यों ने एमयूवी की परिभाषा लाने का भी सुझाव दिया। वहीं SIAM (society of Indian automobile manufacturers) ने SUV की परिभाषा पर आए जीएसटी काउंसिल के स्पष्टीकरण का स्वागत करते हुए बताया कि यह वित्त मंत्रालय के साथ इस बारे में हुई चर्चा के अनुरूप ही है। सियाम ने कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि 28% जीएसटी के अलावा 22% कंपनसेशन सेस की उच्च दर केवल उन्हीं वाहनों पर लागू होंगी जो चारों शर्तों को पूरा करते हैं।
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आज 18 दिसंबर, 2022 को जीएसटी काउंसिल की 48वीं बैठक संपन्न हो गई। मीटिंग में कई जरूरी फैसले लिए गए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकलस की परिभाषा को तय किया गया है। वित्त मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि मंहगे दरों में बिकने वाली सभी गाड़ियों को एसयूवी के केटेगिरी में रखा गया है। जीएसटी मीटिंग में एसयूवी की नई परिभाषा बताए जाने के बाद ही व्हीकल इंडस्ट्री के वाहन उद्योग निकाय सियाम ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है।