हमारे सनातन धर्म में चार युगों का वर्णन किया गया है, ये चार युग हैं- सत युग, त्रेता युग, द्वापर युग, कलि युग। क्या आप जानते हैं कि इन अलग अलग युगों में वर्ष कितने होते हैं और इन चारों युगों कि शुरुआत किस दिन से हुई है। चलिए आज हम आपको इन युगों के बारे में बताते हैं।
आधुनिक समय में बहुत कम लोगों को ही इन युगों के बारे में पता है। इन सभी युगों में सबसे पहला युग सत युग आता है और इसके बाद आते हैं शेष तीन युग।
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1. सत युग
इन सभी युगों में सबसे पहला युग है, सत युग को कृत योग भी कहां जाता है। सत युग में कुल 17,28,000 वर्ष होते हैं। शास्त्रों के अनुसार सत युग की शुरुआत पवित्र कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि से हुई है। सत युग में धर्म अपने चार चरणों में विद्यमान रहता है।
2. त्रेता युग
त्रेता युग में कुल 12,96,000 वर्ष होते हैं। शास्त्रों के अनुसार त्रेता युग की शुरुआत वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि से होता है। त्रेता युग के अंतर्गत धर्म अपने तीन चरणों से विद्यमान रहता है।
3. द्वापर युग
द्वापर युग में कुल 8,64,000 वर्ष होते हैं। शास्त्रों के अनुसार द्वापर युग की शुरुआत माघ माह की पूर्णिमा तिथि से होता है। द्वापर युग के अंतर्गत धर्म अपने दो चरणों से विद्यमान रहता है।
4. कलि युग
कलि युग में कुल 4,32,000 वर्ष होते हैं। शास्त्रों के अनुसार कलि युग की शुरुआत आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि सी से होता है। कलयुग के अंतर्गत धर्म अपने एक एक चरण से ही विद्यमान रहता है।
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