स्नेहा मिश्रा
चायवाले आज के समय में ट्रेडिंग में चल रहे हैं। लोग डिग्रियां लेकर चाय बेच रहे हैं और सुर्खियां बटोर रहे हैं। कभी ‘MBA चायवाला’, ‘पटना की ग्रैजुएट चायवाली’ तो कभी फरीदाबाद की ‘B.Tech चायवाली’ और इन्हीं नामों में अब एक और नाम जुड़ गया है, नोएडा की ‘B.Sc चायवाली’। नोएडा की पार्वती ‘बीएससी चायवाली’ के नाम से इस समय सुर्खियों में बनी हुई है।
पार्वती मूलरूप से बिहार के मधुबनी की रहने वाली हैं। पार्वती ने परिजनों की नाराजगी के बाद भी 10 हजार की नौकरी छोड़कर आत्मनिर्भर बनने के लिए अपना खुद का काम शुरू किया। पार्वती का कहना है कि, “अगर कुछ कर गुजरने की ठान लो तो हर मंजिल आसान हो जाती है।” इसी बात को अपनी जिंदगी का मूल मंत्र बनाकर उन्होंने चाय की दुकान खोलने का फैसला किया।
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पार्वती ने चेत राम शर्मा कॉलेज ऑफ एजुकेशन से बीएससी मैथमेटिक्स किया है। वह नोएडा के सेक्टर 45 में रहती हैं। उन्होंने नोएडा के एंट्री पॉइंट वाले मेट्रो स्टेशन को अपनी दुकान का नया ठिकाना बनाया है। पर्वती का कहना है कि ग्रेजुएशन के बाद 10 हजार महीने की नौकरी करने की बजाय उन्हें अपना खुद का टी स्टॉल खोलने का फैसला ज्यादा बेहतर लगा। जिसका उन्हें कोई पछतावा नहीं है। उन्हें तो इस बात का गर्व है कि वे आत्मनिर्भर है।
जब किसी काम को करने की ठान लो तो राहों में अड़चने भी आएंगी। ठीक उसी तरह से पार्वती के परिवार वाले भी उनके इस फैसले से नाखुश थे। उनका कहना है कि उनके पापा की प्राइवेट जॉब है और भाई एक छोटा-सा कोचिंग इंस्टिट्यूट चलाता है। इसके बाद भी उन्हें पार्वती के फैसले से नाराजगी थी। पार्वती के पापा ने उसे जॉब करने की सलाह दी, लेकिन भाई के सपोर्ट के चलते उसने पापा की मर्जी के खिलाफ ‘बीएससी चायवाली’ नाम से अपना टी स्टाल शुरू कर दिया। जिसके चलते उनके पापा और परिजनों ने उनसे बातचीत करना भी बंद कर दिया है।
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पार्वती के टी स्टॉल पर मसाला चाय, लेमन चाय, पान चाय, यहां तक कि चॉकलेट चाय भी मिलती है। कम कीमत में बेहतरीन स्वाद ने उन्हें और फेमस कर दिया है। मेट्रो स्टेशन के पास कई बड़े-बड़े दफ्तरों और कैफेटेरिया में ‘बीएससी चायवाली’ के चर्चे हैं। पार्वती का कहना है कि 300 रूपये की लागत में वह रोजाना के 1000 से 1200 तक कमा लेती हैं।
पार्वती का कहना है कि यह आइडिया उन्हें इंटरनेट पर MBA और B.Tech चायवाला की सक्सेस स्टोरी को पढ़ने के बाद आया। हैरानी की बात यह है कि दरभंगा के अनुराग रंजन जिनके पिता नारायण साहू एक डॉक्टर है और अनुराग खुद एक B.Tech पास सिविल इंजीनियर हैं, उन्होंने अपनी अच्छी-खासी तनख्वाह छोड़कर चाय की दुकान खोलने का फैसला किया। उनका मानना है कि नौकरी से सिर्फ़ वह अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं लेकिन भविष्य में बड़ा आदमी बनने के लिए खुद का बिजनेस शुरू करना होगा। ठीक उसी तरह लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी इलाके में मौजूद ‘B.Tech चायवाला’ के नाम से यह दुकान भी खूब फेमस हो रही।