देश के पहले मरीना के निर्माण की पुष्टि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने की है, यह मरीना उडुपी जिले के ब्यंदूर में बनाया जाएगा। तटीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यह परियोजना कर्नाटक में शुरू की गई है। पर्यटन विभाग के तहत आयोजित एक कार्यक्रम में शनिवार को ‘कर्नाटक के सेवन वंडर्स’ में सीएम बोम्मई ने कहा कि पुरातत्व विभाग से गंगा, चालुक्य, कदंब, राष्ट्रकूट और होयसला जैसे महान राजवंशों का इतिहास एकत्र किया जाएगा। इससे पर्यटन के विकास को बढ़ावा मिलेगा साथ ही लोगों को कर्नाटक के इतिहास को समझने में भी मदद मिलेगी।
उडुपी जिले के ब्यंदूर में किया जाएगा निर्माण-
तटीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया देश के पहले मरीना का निर्माण उडुपी जिले के ब्यंदूर में कर्नाटक में जाएगा। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बताया कि नियमों में छूट के लिए तटीय विनियमन क्षेत्र भारत सरकार से अनुमति लेने के बाद, समुद्र तट पर्यटन शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। सीएम के अनुसार, सरकार ने बनवासी में गणगापुरा और मधुकेश्वर में दत्तात्रेय जैसे प्राचीन मंदिरों का एक गलियारा बनाने और यात्रा पर्यटन` को बढ़ावा देने का प्रस्ताव रखा। अंजनाद्री बेट्टा का विकास जारी है, बेनाकल क्षेत्र को विकसित करने के निर्देश दिए हैं। मान्यता प्राप्त टूरिस्ट गाइडों को 5000 रुपए मासिक मानदेय देने की योजना बनाई गई है और सरकार की तरफ से उन्हें इससे भी ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
सहयोग देने का किया वादा-
पर्यटन को एक नई दिशा देने के लिए कर्नाटक कार्यक्रम के सेवन वंडर्स को हर संभव सहयोग देने का भी वादा सीएम बोम्मई ने किया। यदि सुवर्णा न्यूज चैनल ने छुपे हुए सात अजूबों की खोज के हिस्से के रूप में उन 5,000 स्थानों की जानकारी दी, जिसकी उन्होंने खोज की है, तो सरकार उन स्थानों पर पर्यटन को विकसित करने के लिए कदम उठाएगी। समाचार चैनल को हर साल ऐसे कार्यक्रमों की आयोजन करना चाहिए और सरकार ऐसे उपक्रमों का समर्थन भी करेगी। हर गांव में ऐतिहासिक अवशेष हैं जिन पर शोध करने की आवश्यकता है। इस दौरान उन्होंने कहा कि ये सृष्टि अद्भुत है, लेकिन इंसान की दृष्टि उससे कहीं बड़ी है। सृष्टि पांच तत्वों से शुरू होती है और बड़े-बड़े शिलाखंडों, पहाड़ियों और समुद्र तल में एक चमत्कार मौजूद है।
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कर्नाटक को प्राप्त प्रकृति का वरदान-
सीएम बोम्मई ने कहा श्रवणबेलगोला में बाहुबली की मूर्ति की कल्पना कोई नहीं कर सकता, व्हिस्परिंग गैलरी और विजयपुरा में गोल गुंबज की वास्तुकला उन दिनों वायरलेस की अवधारणा को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि हमें प्रकृति की खूबसूरती का आनंद लेना चाहिए और इसकी रक्षा करनी चाहिए। मैं कन्नड़ प्रभु और सुवर्णन्यूज को कर्नाटक के सात अजूबों का पता लगाने के लिए बधाई देता हूं।” “यात्रा करना इंसान की प्राकृतिक आदत है और इसने विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। कर्नाटक को प्रकृति का वरदान है। इसमें 350 किमी का तटीय क्षेत्र, 10 अलग-अलग मौसम क्षेत्र, 400 किमी पश्चिमी घाट, एक समृद्ध जैव-विविधता है, जहां 300 दिनों तक सूर्य की किरणें होंगी और कई नदियां। प्रकृति उनके पक्ष में है, लेकिन वे इसके खिलाफ नहीं जा सकते। इस कारण से ग्रीन बजट तैयार किया गया था, प्रकृति को हुए नुकसान को तुरंत ठीक किया जाना चाहिए।
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