विस्तार कर रही मानव संसाधन, ब्रांडिंग, निवेशक, बड़े बाजार, मूल्य और पैकेजिंग लाने के लिए सही मंच की सुविधा देकर, हम उन्हें मुख्य धारा के कारोबार से जोड़ रहे हैं, आईआईएम् काशीपुर एफआईईडी के इनक्यूबेटेड स्टार्टअप्स देश में सफलता की कहानियां बना रहे हैं। बीजक ने 34.1 मिलियन डॉलर, लूपवर्म ने 3.4 मिलियन डॉलर और ग्रीनपॉड लैब्स निवेशकों से 0.54 मिलियन डॉलर जुटाए है पोल्ट्रीमोन, एनकोष, इन्फ़ीयू लैब्स और कई अन्य ने भी योग्यता के आधार पर और अन्य पंजीकृत स्टार्टअप्स को रास्ता दिखाते हुए फंडिंग जुटाई हैं।
एंटरप्रेन्योर कॉन्क्लेव और कृषि मेला के उद्घाटन सत्र में प्रतिष्ठित स्टार्टअप गणमान्य मौजूद रहे। सनफॉक्स के संस्थापक रजत जैन; ऑफ़बिज़नेस के सह-संस्थापक नितिन जैन; चाय सुट्टा बार के संस्थापक अनुभव दुबे ने मुख्य भाषण दिया और स्टार्टअप प्रतिभागियों को प्रेरित किया। – ‘उत्तराखंड राज्य में स्टार्टअप इकोसिस्टम कैसे बनाई जाए’ इस विषय पर एक विचारशील पैनल डिस्कशन ने ओमनिवोर के सुभदीप सान्याल, योरनेस्ट के मोनिका पांडे, एचबीएफ डायरेक्ट के सचिन शेरोन, अल्फावैल्यू के मनीष श्रीवास्तव जैसे बड़े स्टार्टअप संस्थापकों के विभिन्न दृष्टिकोण ने कॉन्क्लेव को और दिलचस्प बना दिया। नाबार्ड के महाप्रबंधक सुनील कौशिक ने एग्री मेला (स्टार्टअप एक्सपो) का उद्घाटन करते हुए कहा, “मैं आईआईएम काशीपुर एफआईईडी को एंटरप्रेन्योर के जज़्बे को बल प्रदान करने के प्रयासों के लिए बधाई देता हूं। कृषि में उद्यमिता निश्चित रूप से देश के आर्थिक विकास के लिए आदर्श बदलाव ला सकती है। नाबार्ड स्टार्टअप्स की मार्केटिंग और ब्रांडिंग के लिए समर्थन करता और उन्हें प्रेरित करने के लिए प्रतिबद्ध है।” साथ ही, प्रभात कुमार, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय; और केवीएस कंपनियों के एमडी देवेंद्र अग्रवाल ने एक्सपो – एग्री मेला के दौरान स्टार्टअप्स द्वारा दिखाए गए उत्साह के प्रति आभार व्यक्त किया।
कई नवोन्मेषी व्यवसायों ने एक्सपो में आने वालों के मन पर प्रभाव डाला। विभिन्न स्टार्टअप्स ने शानदार व्यावसायिक विचार प्रस्तुत किए, जैसे कि बांस के फाइबर से बने कपड़ों की रेंज, गाय के गोबर से बने इंटीरियर डिजाइन के सामान, बांस से बनी क्रॉकरी रेंज, लकड़ी के कचरे से बने खिलौनों की एक श्रृंखला, कृषि क्षेत्रों में कीटनाशक छिड़काव के लिए एक ड्रोन, शहद के कोटिंग वाले सूखे मेवे, जैविक खाद, स्वास्थ्य उत्पाद, हस्तशिल्प और हाथ से बुने हुए सामान, साथ ही कृषि उपज से बनी इम्युनिटी बूस्टर, रीसाइकल्ड फूलों से बनी अगरबत्ती।