किरण शर्मा
मुंबई में स्थित बाबुल नाथ मंदिर
प्राचीन समय से ही लोगों की आस्थाओं का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। यहां हजारों की संख्या में भक्त
भोले बाबा का आशीर्वाद लेने आते हैं। स्थानीय लोगों के साथ- साथ देशभर के लोगों की इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था है।
यहां 350 साल पहले शिवलिंग की स्थापना की गई थी, लोगों में इस प्राचीन शिवलिंग की बहुत मान्यता है लेकिन अभी कुछ समय से इस शिवलिंग पर दरारें
देखी जा रही है। मंदिर प्रशासन द्वारा ऐसा अनुभव किया गया है,
कि शिवलिंग पर हल्की- हल्की दरारें आ रही है। शिवलिंग को और अधिक नुकसान होने से बचाने के लिए तुरंत आवश्यक कदम उठाते हुए आईआईटी (IIT) बॉम्बे के विशेषज्ञों के द्वारा मदद मांगी गई। जिसके लिए उनसे संपर्क किया गया है।
IIT बॉम्बे की रिपोर्ट में क्या आया सामने-
मंदिर प्रशासन के द्वारा शिवलिंग पर आई दरारों का कारण जानने के लिए आईआईटी बॉम्बे से संपर्क किया गया, कि आखिर इतने लंबे समय के बाद इस प्राचीन शिवलिंग पर दरारें आने का क्या कारण हो सकता है?
आईआईटी बॉम्बे के द्वारा किए गए निरीक्षण के आधार पर आई रिपोर्ट के अनुसार यह बताया जा रहा है, कि शिवलिंग पर लगातार मिलावटी पदार्थों के प्रयोग की वजह से दरारे आ रही हैं। इस शिवलिंग पर भक्त हजारों लीटर दूध अर्पित करते हैं जोकि आसपास की दुकानों से खरीदा हुआ मिलावटी होता है। फिलहाल, इसकी जांच चल रही है, अगले कुछ दिनों में इस बारे में पूरी जानकारी सामने आ जाएगी।
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मंदिर प्रशासन ने लगाई पाबंदी-
शिवलिंग को नुकसान होते देख
और IIT की रिपोर्ट सामने आने के बाद मंदिर प्रशासन ने शिवलिंग पर दूध, राख, गुलाल, रोली और तरह-तरह के प्रसाद चढ़ाने पर पाबंदी लगा दी है और सिर्फ पानी से अभिषेक करने की अनुमति दी है। रिपोर्ट के बाद यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। जांच में सामने आया, कि मंदिर के आसपास बैठे स्थानीय दुकानदार
मिलावटी दूध और सामान की धड़ल्ले से बिक्री कर रहे हैं। जिसकी वजह से शिवलिंग को ऐसा नुकसान हुआ है।