स्नेहा मिश्रा
कश्मीर के दक्षिण भाग में स्थित अनंतनाग जिले के सादीवारा नामक एक गांव ने पर्यावरण की रक्षा के लिए एक अनोखा रास्ता अपनाया। गांव में ग्राम पंचायत के मुखिया ने ‘प्लास्टिक दो और सोना लो’ नामक एक अभियान शुरू किया। जिसमें गांव के लोग प्लास्टिक को इकट्टा करके पंचायत के मुखिया को देते हैं। इसके बदले उन्हें एक सोने का सिक्का मिलता है।
एक सिक्के के बदले 200 किलोग्राम प्लास्टिक :
ग्राम पंचायत के मुखिया फारूक अहमद गनई पेशे से एक वकील हैं, जो इस समय कश्मीर घाटी में सभी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गए हैं। एक सोने के सिक्के के बदले एक व्यक्ति को करीब 200 किलोग्राम तक प्लास्टिक कचरा देना होता है। इस अभियान के केवल 2 हफ्ते के अंदर ही पूरा गांव प्लास्टिक मुक्त हो गया।
भारतीय रेलवे इस बड़े मंदिर से प्रेरित होकर करेगा अहमदाबाद स्टेशन को डिज़ाइन
‘पॉलिथीन दो, इनाम पाओ’ अभियान हुआ सफल :
मीडिया से बातचीत के दौरान गांव के सरपंच फारूक अहमद गनई ने बताया कि, “मैंने अपने गांव में एक नारा शुरू किया ‘पॉलिथीन दो इनाम पाओ’ इस अभियान के तहत आखिरकार 7 जनवरी को क्षेत्र के डिप्टी कमिश्नर ने इस गांव को प्लास्टिक मुक्त गांव घोषित कर दिया। पूरे गांव ने मिलकर इस अभियान में हिस्सा लिया और अपना-अपना योगदान दिया।”
Greater Noida की इन छह रूटों पर चलेंगी CNG बसें, जानें कौन-से हैं ये रूट
सभी के लिए मिसाल कायम की :
यह गांव कश्मीर का पहला प्लास्टिक मुक्त गांव बन गया है। गांव के युवाओं ने सरपंच के साथ मिलकर पूरे गांव से प्लास्टिक का नामोनिशान मिटा दिया और अन्य घाटियों और देश के लिए एक मिसाल कायम की है।
‘स्वच्छ भारत अभियान’ से मिली प्रेरणा :
साल 2014 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘स्वच्छ भारत अभियान’ से प्रेरित होकर गांव के सरपंच ने यह कदम उठाया। गांव के युवा नेता और कार्यकर्ता शकील वानी ने कहा, “हम इस अभियान को अन्य जिलों में भी ले जाएंगे।” गांव से होकर बहने वाली धाराओं को भी साफ कर दिया गया है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सकीना बेगम ने कहा, “हम पिछले 4 महीनों से सरपंच के साथ काम कर रहे हैं। वह बहुत ही मेहनती लीडर हैं। वह एक अच्छे खासे बैकग्राउंड से हैं, लेकिन फिर भी वह हमारे साथ मिलकर नालियां साफ करते थे। उन्होंने जो ठाना उसे कर दिखाया। यह उनकी कड़ी मेहनत ही है जो आज हमारा गांव इतना साफ-सुथरा और प्लास्टिक मुक्त हो पाया है।