किरण शर्मा
आज के समय में हर व्यक्ति ऑनलाइन पेमेंट करना पसंद करता है। जिसके लिए लोगों के पास कैशलेस ट्रांजेक्शन क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, प्रीपेड कार्ड, एम-वॉलेट आदि कई सारे ऑप्शन मौजूद है।
आज के समय में ज्यादातर लोगों के पास क्रेडिट कार्ड है, जिसका उपयोग वह शॉपिंग करते समय, इमरजेंसी के समय या कहीं भी किसी भी समय भुगतान करने के लिए कर सकते हैं। अचानक पैसों की जरूरत के समय क्रेडिट कार्ड बहुत लाभदायक है लेकिन फ्री में कोई भी सुविधा ज्यादा समय तक उपलब्ध नहीं रह सकती है। इसी तरह क्रेडिट कार्ड पर भी कई तरह के शुल्क लगते हैं। शुरुआत में 365 दिन तक क्रेडिट कार्ड पर जॉइनिंग फीस नहीं देनी पड़ती है लेकिन कुछ समय बाद यह शुल्क लागू हो जाते है। ऐसे में क्रेडिट कार्ड चुनते समय ग्राहक जरूर ध्यान दें, कि उनके क्रेडिट कार्ड पर लगने वाला मेंटेनेंस चार्ज 1 साल के लिए नि:शुल्क है या आजीवन मुफ्त है। तो आइए जानते हैं, कि क्रेडिट कार्ड होल्डर को कौन-कौन से शुल्क देने पड़ते हैं।
1- एनुअल और अन्य चार्जेस-
नि:शुल्क क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करने का ऑफर 1 साल के बाद
समाप्त हो जाता है। जिसके बाद चुने गए क्रेडिट कार्ड और क्रेडिट लिमिट के आधार पर 500 रुपए से लेकर 3,000 तक एनुअल चार्जेस देने होते है।
2- कैश विथड्राल चार्जेस-
क्रेडिट कार्ड से कैश विड्रोल करने पर भी शुल्क देना पड़ता है। यह ट्रांजैक्शन की गई राशि का कुछ प्रतिशत होता है, इसे सामान्य या कुछ अधिक ही वसूलते है।
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3- पेट्रोल और रेलवे टिकट चार्ज-
क्रेडिट कार्ड से रेलवे टिकट या पेट्रोल खरीदने पर निश्चित शुल्क देना पड़ता है। क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वाले लोग यह फीस अदा भीे करते है।
4- ओवरड्राफ्ट लिमिट से अधिक पर चार्जेस-
क्रेडिट कार्ड की लिमिट पार करने पर ग्राहक से यह फीस के तौर पर चार्ज लिया जाता है। ज्यादातर यह ओवरड्रा करने की लिमिट का एक निश्चित प्रतिशत होता है।
5- जीएसटी चार्ज-
प्रत्येक क्रेडिट कार्ड पर फीस ब्याज और अन्य चार्जेस के साथ
जीएसटी भी वसूली जाती है। क्रेडिट कार्ड पर जीएसटी भुगतान 18% के दायरे में आता है।
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