भारत सरकार और वर्ल्ड बैंक ने ग्रीन नेशनल हाईवे कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। इस प्रोजेक्ट में हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और आंध्र प्रदेश शामिल हैं, इस प्रोजेक्ट में कुल 12 8824 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी भारतीय रुपयों में 7,662.43 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इनमें से 500 मिलियन डॉलर लोन के तौर पर वर्ल्ड बैंक द्वारा दिए जाएंगे, ग्रीनरी को ध्यान में रखते हुए सड़क को बनाना GNHCP का उद्देश्य है। इसे बनाने के लिए लोकल सामान जैसे वेस्ट प्लास्टिक, चूना और ढलान बनाने के लिए बायोइंजीनियरिंग जैसे हाइड्रोसीडिंग, जूट फाइबर आदि का इस्तेमाल किया जाएगा।
इस प्रोजेक्ट की खासियत-
ग्रीन नेशनल हाईवे कॉरिडोर प्रोजेक्ट का उद्देश्य देशभर में निजी क्षेत्रों किसानों और वन विभाग के साथ पर्यावरण और हरियाली को ध्यान में रखते हुए विकास करना है इसलिए सड़क के किनारों पर झाइयां और पेड़ लगाए जाएंगे जिससे प्रदूषण को कम किया जा सकेगा इससे पेड़ों की संख्या भी बढ़ जाएगी और फैलता हुआ प्रदूषण भी कम हो जाएगा।
गौर फरमाएं- Shri Ramayana Express ट्रेन हो रही है शुरू, जानिए रामजन्मभूमि सहित कहाँ-कहाँ जाएगी
पेड़ों के रख-रखाव के लिए-
हाईवे को हरा भरा बनाने के लिए एजेंसियों, गैर सरकारी संगठनों और सरकारी संगठनों को ठेके दिए जाएंगे। हालांकि किसी विशेष क्षेत्र में पेड़ों को लगाना वहां की मिट्टी की उपयोगिता और जलवायु पर निर्भर करता है। पेड़ लगाए जा रहे हैं या नहीं इसकी निगरानी करने के लिए भी कई एजेंसियों को जिम्मेदारी दी गई है जो पेड़ लगाना और उनकी वृद्धि करना साथ उनमें उनके रखरखाव और जांच करेंगे। साथ ही उनके काम को देखते हुए उसके आधार पर अगले साल इन्हें नए ठेके दिए जाएंगे।
यहांं भी गौर फरमाएं-अगले 48 घंटे में भारी बारिश और तूफान का अनुमान, मौसम विभाग ने देश के इस हिस्से में जारी किया ओरेंज अलर्ट