दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कोरिडोर के 17 किलोमीटर वाले हिस्से का काम तेज़ी से होनो की वजह से कर्मचारियों ने ट्रेन को चलाने के लिए तैयार कर लिया है। रैपिड रेल का पहला हिस्सा मार्च के आखिरी हफ्ते में शुरु होने जा रहा है। अब यात्रियों को स्टेशन जाने के लिए ज़्यादा इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा। इस फास्ट रेल लाइन पर हर 5 से 10 मिनट में सर्विस दी जाएगी। RRTS का पहला हिस्सा बनकर तैयार है, सभी स्टेशन विकास की तरफ बढ़ रपे हैं।.
कौन-से स्टेशन हैं शामिल-
इनमें गाज़ियाबाद, साहिबाबाद, गुलधर दुहाई डिपो और दुहाई स्टेशन शामिल हैं। यात्रियों के लिए लिफ्ट और ओटोमेटिक सिढियों की सुविधा भी दी गई है। इस समय रेल और सिगनल की रैपिड टेस्टिंग की जा रही है, ये रैपिड रेल 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है, लेकिन चलाते समय इसकी रफ्तार 160 किलोमीटर प्रतिघंटा रहेगी। स्टेशन पर हर 5 से 10 मिनट में स्टेशन पर रैपिड रेल उपलब्ध होगी।
बड़ी सफलता-
मेट्रो, ट्रोन स्टेशनों और बस डिपो के लिए स्टेशन का रेल कलेक्शन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन कंपनी (National Capital Region Transport Company) द्वारा बनाया गया था। दिल्ली मेरठ फास्ट रेल के पहले चरण की शुरुआत से कुछ दिनों पहले शुक्रवार को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। मेरठ में चौथी और आखरी सुरंग खोली गई है, NCRTC की टीम के सदस्यों ने 4 सुरंग खोलते ही भारत माता की जय के नारे लगाए।
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50 मीटर लंबी सुरंग-
शुक्रवार को NCRTC के अधिकारियों ने बताया कि बेगम पुल से गांधीबाग तक 750 मीटर लंबी सुरंग को सुदर्शन 8.3 टनल बोरिंग मशीन से सफलतापूर्वक बोर किया गया है। गांधीबाग और बेगम पुल के बीच समान सुरंग बनाई गई हैं। सुरंग सुदर्शन 8.3 ने गांधीबाग और बेगमपुल के बीच सबसे पहली सुरंग का काम अक्टूबर में पूरा किया था। फास्ट ट्रेन को चलाने के लिए दो समान सुरंगे मौजूद है, जिससे अंडर ग्राउंड लाइन के साथ ट्रेनों को चलाने के लिए एक अच्छा रास्ता मिलेगा।
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