Chaitra Navratri: चैत्र मास की शुल्क पक्ष की प्रतिपदा के दिन से नवरात्रि का पर्व शुरू हो जाता है। इस बार नवरात्रि बुधवार (22 मार्च) से शुरू हो रही है। ऐसे तो माता दुर्गा की पूजा करने से आपको हमेशा लाभ मिलता ही होगा, लेकिन नवरात्रों के दौरान ग्रहों के योग संयोग कुछ ऐसे होते हैं जिनमें देवी की पूजा अधिक फलदायी होती है। क्योंकि नवरात्रि के 9 दिनों में 9 देवियों की अराधना की जाती है।
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नवरात्रि के दौरान इन 9 दिनों में देवी के अलग-अलग स्वरूपों को अलग-अलग भोग लगाने से माता अति प्रसन्न होती हैं। यदि आप देवी के नौ रूपों के बारे में नहीं जानते तो चलिए आज हम आपको उनके नौ स्वरूपों के बारे में बताते हैं।
माता का पहला स्वरुप-
नवरात्रि के पहले दिन माता के पहले स्वरूप यानी की माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन आपको माता शैलपुत्री को गाय के घी का भोग लगाना चाहिए।
माता का दूसरा स्वरूप-
नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप यानी कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। आपको दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को चीनी का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से माता आपको चिरायु का वरदान देतीं हैं।
माता का तीसरा स्वरूप-
नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। नवरात्रि के तीसरे दिन आपको दूध का भोग लगाना चाहिए और जरूरतमंद लोगों को दान करना चाहिए ऐसा करने से आपको धन वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
माता का चौथा स्वरूप-
नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है। इस दिन आपको माता कुष्मांडा को मालपुए का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से आप का मनोबल बढ़ता है।
माता का पांचवा स्वरूप-
नवरात्रि के पांचवे दिन मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा की जाती है। इस दिन आपको माता भवानी को केले का भोग लगाना चाहिए और इसका गरीब बच्चों को भी दान करना चाहिए, ऐसा करने से आपकी बुद्धि का विकास होता है और आप अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं।
माता का छठवां स्वरूप-
नवरात्र के छठवें दिन मां दुर्गा के षष्टम स्वरूप मां कात्यानी की पूजा की जाती है। आपको इस दिन मां कात्यानी को शहद का भोग लगाना चाहिए, ऐसा करने से आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
माता का सातवां स्वरूप-
नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के सप्तम स्वरूप माता कालरात्रि की पूजा होती है। इस दिन आपको माता को गुड़ से बनाया गया भोग अर्पित करना चाहिए। इससे आपको रोग और शोक से मुक्ति मिलती है और आपका परिवार स्वस्थ रहता है।
माता का आठवां स्वरूप-
नवरात्र के आठवें दिन मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन आपको माता महागौरी को नारियल से बनाया गया भोग अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और आपके परिवार पर माता का आशीर्वाद भी बना रहता है।
माता का नौवां स्वरूप-
नवरात्र के नौवें दिन मां दुर्गा के नवम् स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। इस दिन आपको घर में बने हुए हलवा पूरी और खीर का भोग लगाना चाहिए इसके साथ ही आपको कन्या पूजन भी करना चाहिए। ऐसा करने से आपको जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है।
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