कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी सरनेम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज किए गए आपराधिक मानहानि के एक केस में उन्हें गुरुवार (23 मार्च) को दोषी करार दिया। इसके साथ ही राहुल गांधी को 2 साल की सजा भी सुनाई गई। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट HH Verma की अदालत ने IPC 504 के तहत राहुल गांधी को दोषी करार दिया, यह सजा शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने करने से संबंध रखती है। हालांकि, राहुल गांधी को सजा सुनाने के बाद उनकी बेल भी हो गई।
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आपको बता दें कि कांग्रेसी नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2014 में मानहानि का पहला केस दर्ज हुआ था। ये मामला महाराष्ट्र के भिवंडी कोर्ट में चल रहा है। भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत गांधी पर मानहानि का मामला दर्ज है। भिवंडी में एक भाषण के दौरान राहुल गांधी ने संघ RSS पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाया था। इसके बाद संघ के एक कार्यकर्ता ने राहुल गांधी पर केस दर्ज करा दिया।
2016 में मानहानि का मामला-
वर्ष 2016 में असम के गुवाहाटी में धारा 499 और 500 के तहत राहुल गांधी पर एक बार फिर मानहानि का केस दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता के अनुसार, राहुल गांधी ने यह कहा था कि 16वीं सदी के असम के वैष्णव मठ बरपेटा सतरा में संघ सदस्यों ने उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया था। गांधी के इस आरोप से संघ की छवि को नुकसान पहुंचा। कोर्ट में अभी इस मामले को पेंडिंग में रखा गया है।
2018 की मानहानि का मामला-
वर्ष 2018 में राहुल गांधी के खिलाफ राजधानी रांची में एक और केस दर्ज किया गया था। आपको बता दें कि यह केस रांची की सब-डिविजनल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में चल रहा है। राहुल गांधी के खिलाफ IPC की धारा 499 और 500 के तहत 20 करोड़ रुपए के मानहानि का केस दर्ज है। इसमें राहुल के इस बयान पर आपत्ति जताई गई थी जिसमें राहुल गांधी ने यह कहा था कि मोदी चोर है।
हत्या से जुड़ा मामला-
इसी वर्ष महाराष्ट्र में राहुल गांधी पर एक मानहानि का केस दर्ज हुआ है। ये केस मझगांव स्थित शिवड़ी कोर्ट में चल रहा है। IPC की धारा 499 और 500 के तहत राहुल पर मानहानि का केस दर्ज है। इस केस को संघ के एक कार्यकर्ता ने दर्ज कराया था। राहुल पर आरोप है कि उन्होंने गौरी लंकेश की हत्या को बीजेपी और संघ की विचारधारा से जोड़ा।
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