दुनिया के सबसे उँचे पुल के निर्माण के हाल के इतिहास में भारत में किसी भी रेलवे प्रोजेक्ट के के सामने सबसे बड़ी Civil Engineering चुनौती माना जाता है। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में बक्कल और कोची के बीच बना ये दुनिया का सबसे ऊँचा Single-Arch रेल ब्रिज है। ये ब्रिज पेरिस के एफिल टावर से भी ऊँचा है और ये जल्द ही चालू होने वाला है।
नदी से 359 मीटर ऊंचा ब्रिज-
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को पुल का निरीक्षण किया, ये ब्रिज चिनाब नदी से 359 मीटर (1,178 फीट) ऊंचा है। जानकारी के मुताबिक चुनाव पुल को बनाने के लिए अब तक जितनी भी जरूरत थी उन सभी को मंजूरी मिल चुकी है, जिसमें तेज हवा परीक्षण, ज्यादा तापमान परीक्षण, भूकंप प्रवण परीक्षण और हाइड्रोलॉजिक का असर शामिल है। यह पुल उधम-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक प्रोजेक्ट (USBRL) का ही एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य मुश्किल जगहों, खराब मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान कर जम्मू-कश्मीर की कनेक्टिविटी को बढ़ाना है
लंबा इंतजार-
यह पुल जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए दो दशकों के लंबे इंतजार के बाद आया है, क्योंकि 2003 में इस प्रोजेक्ट को पहली मंजूरी मिलने के बाद कई समय सीमा पार कर ली है, लेकिन अब यह प्रोजेक्ट पूरा होने वाला है, क्योंकि प्रशासन ने प्रोजेक्ट पर ध्यान दिया है। ANI के मुताबिक एक बार पुल का काम पूरा हो जाने के बाद यह पुल 260 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं का सामना करने के काबिल होगा और इस पुल की उम्र 120 साल होगी।
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इंजीनियरिंग चमत्कार-
यह 35000 करोड़ रुपए का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है, यह पहला केबल-स्टे ब्रिज है जो पूरा होने पर 21वी सदी का एक इंजीनियरिंग चमत्कार है, यह पुल हाल के इतिहास में भारत में किसी भी रेलवे प्रोजेक्ट के सामने आने वाली सबसे बड़ी इंजीनियरिंग चुनौती है।
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