जूली चौरसिया
उत्तर प्रदेश में एक और एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है, जिसका नाम गोरखपुर शामली इकोनॉमिक कॉरिडोर है। जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है, इस Expressway का उद्देश्य इसके साथ लगने वाले शहरों और गांवों में आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाना है। यह एक्सप्रेसवे 6 लेन का होगा, 6 लेन वाले इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की लंबाई करीब 700 किलोमीटर होगी। इसके निर्माण को लेकर तैयारियां तेजी से जारी हैं। एक सलाहकार कंपनी को इसकी विस्तृत रिपोर्ट बनाने के लिए कहा जा रहा है। शामली से गोरखपुर के बीच 22 जिलों में अधिग्रहण की प्रक्रिया इस रिपोर्ट के आने के बाद की जाएगी।
प्रोजेक्ट का ज़िम्मा NHAI को-
पिछले 1 साल से यूपी के पश्चिमी छोर को पूर्वी छोर से जोड़ने के लिए 700 किलोमीटर लंबे इस गोरखपुर शामली ग्रीन फील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर के निर्माण कार्य को लेकर तैयारियां चल रही हैं। इस प्रोजेक्ट का ज़िम्मा नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को दिया गया है। यह यूपी का तीसरा सबसे बड़ा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे होगा। ये एक्सप्रेसवे नेपाल और भारत की सीमा के पास से होकर गुजरेगा और इससे पूरे इलाके में रोड कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा।
22 जिलों व 37 तहसीलों से होकर गुजरेगा-
यह एक्सप्रेसवे शामली जिले के गोगवान जलालपुर के पास से शुरू होकर गोरखपुर तक जाएगा और यूपी के 22 जिलों व 37 तहसीलों से होकर गुजरेगा। इसकी खास बात यह है, कि गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे पंजाब नॉर्थ ईस्ट कॉरिडोर का भी एक हिस्सा है। इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के बनने बाद सिर्फ यातायात ही सुगम नहीं होगा, बल्कि इमरजेंसी में भी इसका उपयोग किया जा सकेगा। इस एक्सप्रेसवे पर एयर स्ट्रिप भी बनाई जाएगी, जिसका इस्तेमाल नेपाल के रास्ते चीन से मिलने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए किया जाएगा।
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इन शहरों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे-
यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के पश्चिमी छोर को पूर्वी छोर से जोड़ेगा, इसके लिए सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर, बहराइच, बलरामपुर आदि जिलों में सर्वे किया जा रहा है। लखनऊ, हरदोई, शाहजहांपुर, सीतापुर, बरेली, बदायूं , मुरादाबाद, रामपुर, संभल, बिजनौर, अमरोहा, मेरठ, सहारनपुर और मुजफ्फरपुर को जोड़ते हुए ये एक्सप्रेसवे शामली तक जाएगा।
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गंगा एक्सप्रेसवे भी शामिल-
इस एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश में रोड कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने के लिए किया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे में 594 किलोमीटर की लंबाई वाला गंगा एक्सप्रेसवे भी शामिल है, जिससे ग्रामीण इलाकों को और बेहतर रोड कनेक्टिविटी मिलेगी। यह सभी एक्सप्रेसवे यूपी में औद्योगिक विकास के साथ राज्य के नागरिकों की उन्नति के लिए भी मददगार साबित होंगे।