Zojila Tunnel का निर्माण कार्य करने वाली कंपनी ने रविवार को कहा कि कश्मीर घाटी और लद्दाख क्षेत्र के बीच बारहमासी Zojila Tunnel का काम तेज़ी से चल रहा है और ड्रिलिंग का 40 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है। कंपनी ने का कहना है कि दिसंबर 2026 तक इस tunnel का काम पूरा होने की उम्मीद है। साथ ही केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी आज Z-Morh Tunnel का Inspectoin करेंगे।
Zojila Tunnel – The 14.5 km long strategically important, landmark signature project is progressing at a fast pace and is scheduled to be completed by 2024. #GatiShakti #PragatiKaHighway #ZojilaTunnel pic.twitter.com/6Q4rpY5yIZ
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) December 19, 2021
गेम चेंजर-
यह Project भारत सरकार द्वारा एक बड़ा गेम चेंजर है। सोनमर्ग से मिनिमर्ग तक की परियोजना की कुल लंबाई 31 किमी है। सोनमर्ग से बालटाल तक, यह 18 किमी है, फिर बालटाल से मिनीमार्ग तक की मुख्य सुरंग जो 13 किमी है। जानकारी के मुताबिक Megha Engineering and Infrastructure Limited के प्रोजेक्ट हेड हरपाल सिंह ने का कहना है कि, दोनों प्रोजेक्टस पर रफ्तार से काम चल रहा है।
दो महीने रोकना पड़ा काम-
Project Head हरपाल सिंह ने कहा कि जनवरी में एक के बाद एक हुए हिमस्खलन (Avalanches) के कारण सर्दियों में दो महीने के लिए काम रोकना पड़ा, क्योंकि हिमस्खलन के कारण दो लोगों की मौत हो गई। कंपनी के लगभग 38 उपकरण बर्फ के नीचे दब गए थे, उन उपकरणों अभी तक निकाला नहीं जा सका है। सिंह ने का कहना है कि ये प्रोजेक्ट दिसंबर 2026 तक पूरी हो जाएगा।”
न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड-
सिंह ने कहा कि 13 किमी लंबी सुरंग में से कुल 6 किमी की कटिंग की गई है। उन्होंने कहा, “बाकी बचा काम समय पर पूरा कर लिया जाएगा।” Project Head ने कहा कि कंपनी टनलिंग के आधुनिक तरीके का इस्तेमाल कर रही है जिसे न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड के नाम से जाना जाता है।”इससे हमने तीन महत्वपूर्ण चीजें हासिल की हैं – कार्यबल की सुरक्षा और सुरंग की सुरक्षा ।
80 फीसदी काम पूरा-
उन्होंने कहा कि इस Method का इस्तेमाल करने से दुर्घटनाओं की संभावना बहुत कम होती है और सुरंग बनाने की गुणवत्ता और गति बहुत अच्छी होती है। उन्होंने कहा कि यह यूरोप और उत्तरी अमेरिका में लागू एक विशेष तकनीक है। सोनमर्ग में जेड-मोड़ टनल से बालटाल तक कुल 31 किमी के प्रोजेक्ट में से 18 किमी के अप्रोच रोड का काम भी चल रहा है। ‘इसका करीब 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है। अन्य 4 पुल पर करीब 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। पांच किमी लंबी नीलगढ़ सुरंगें हैं जो पूरी हो चुकी हैं। काम तोज़ी से चल रहा है और दो साल के भीतर संपर्क मार्ग चालू हो जाएगा।
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बालटाल आने में नहीं होगी कोई परेशानी-
उन्होंने कहा कि टनल का अप्रोच रोड बनने से लोगों को सर्दियों में भी जब भारी बर्फबारी होगी तब उन्हें बालटाल आने में कोई परेशानी नहीं होगी। सिंह ने कहा कि सुरंग के पूरा होने के बाद, सेना चौबीसों घंटे बिा किसी रोक-टोक को आवाजाही कर सकेगी। सुरंग के बनने के बाद, भारतीय रक्षा बल पूरे साल बिना किसी बाधा के आगे बढ़ेंगे। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोग पूरे साल आवाजाही कर सकते हैं। जो हम पिछले 75 साल में नहीं कर पाए, आने वाले तीन से चार साल में वह आपके पास होगा।
मुख्य चुनौती सुरंग के बाहर-
उन्होंने कहा कि इससे न केवल दूरी कम होगी, बल्कि सफर में लगने वाले समय में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि यह दूरी चार घंटे के बजाय 40 मिनट से भी कम समय में तय की जा सकेगी। यह Tunnel एशिया में सबसे ज्यादा ऊँची और सबसे लंबी Tnnel होगी। उन्होंने कहा कि Young Himaliyan Renge में कई चुनौतियां काम कर रही हैं।
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