हिंदू धर्म में हर माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर महीने का आखिरी दिन होता है। ये महीना वैशाख का है। बता दें कि 5 मई 2023 को वैशाख पूर्णिमा है। इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा और बुद्ध जयंती भी कहा जाता है। पुराण के अनुसार बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना गया है, इसी कारण से हिंदुओं के लिए भी ये दिन बहुत पवित्र माना जाता है। इस बार बुद्ध पूर्णिमा के दिन साल का पहला चन्द्र ग्रहण भी लग रहा है। जिस कारण से इसका महत्त्व और अधिक बढ़ गया है। बुद्ध पूर्णिमा केवल भारत में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है। अब हम आपको बुद्ध पूर्णिमा के मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में बताते हैं।
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वैशाख पूर्णिमा तिथि-
वैशाख पूर्णिमा तिथि 4 मई 2023 को 11:44 से शुरू हो जाएगी और इस पूर्णिमा का समापन 5 मई 2023 की रात 11:03 पर समाप्त हो जाएगा। बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान चंद्रदेव, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है।
बुद्ध पूर्णिमा पूजा विधि-
बुद्ध पूर्णिमा के दिन बिहार के बोधगया में बोधिवृक्ष की पूजा की जाती है, वास्तव में यह एक पीपल का पेड़ होता है। इस दिन बोधिवृक्ष की जड़ों में दूध के साथ इत्र डाला जाता है और दीपक भी जलाए जाते हैं। वहीं कई लोग अपने-अपने क्षेत्र में पीपल की पूजा करते हैं। बुद्ध पूर्णिमा के दिन आपको अपने घर में भगवान सत्यनारायण की कथा जरूर करानी चाहिए और इसके बाद पांच से सात ब्राह्मणों को मीठे तिल का दान भी करना चाहिए। यदि आप ऐसा करते है तो इससे आपके पापों का नाश हो जाता है।
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