किरण शर्मा
शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्रालय (MOESD) भारत के स्कूली पाठ्यक्रम में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए कदम बढ़ा रहा है। जिसके लिए मंत्रालय 25 अप्रैल को सिंगापुर के साथ साझेदारी कर स्कूलों में कौशल विकास शामिल करने के लिए विचार-विमर्श करेगा। इस बैठक में भविष्य में किस तरह से काम किया जाएगा उसकी योजना तैयार की जाएगी। वर्तमान में, मंत्रालय इस मॉडल को शुरू करने की प्रक्रिया पर हर पहलू से विचार कर रहा है और स्कूली छात्रों को कौशल विकास शिक्षा से अवगत कराने पर जोर दे रहा है। इस योजना के अनुसार एक स्कूल हब के रूप में कार्य करेगा और बाकी सभी लीग का पालन करेंगे।
इसके अलावा G20 विचार विमर्श के तीसरे दौर से संबंधित चौथी एजुकेशन वर्किंग ग्रुप की बैठक पुणे में आयोजित होगी जोकि फाउंडेशन न्यूमैरेसी और लिटरेसी थीम पर केंद्रित होगी। इसके तहत राष्ट्रीय शिक्षा नीति NEP 2020 के संचालन का सबसे महत्वपूर्ण भाग FNL को परामर्श के एक मंच के तौर पर पेश करना है जोकि कौशल विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
यहां क्लिक करें- बेहद डिमांडिंग है यह कोर्स 12वीं के बाद आसानी से कमाए, महीने के 30 से 40 हजार रुपए
क्या कहा मंत्रालय ने-
सोमवार को आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव संजय कुमार ने बताया, कि हम कक्षा 6 के बाद से व्यवसायिक शिक्षा और कौशल विकास को शुरू करने की योजना बना रहे हैं। जिसके अनुसार व्यवसायिक शिक्षा को व्यवहारिक और आनंदमय तरीके से पढ़ाया जाएगा। इसके अलावा शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी, कि यह विचार दोनों देशों के उदाहरणों से सीखने और कौशल विकास को प्रेरित करने के लिए है। जिसे भारत के लिए उपयुक्त राष्ट्रीय योजना के तौर पर बढ़ावा देना है।
क्या है लक्ष्य-
NEP (National Education Policy) 2020 का लक्ष्य वर्ष 2025 तक स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों में कम से कम 50% बच्चों में कौशल विकास को
बढ़ाना है। सिंगापुर के स्कूली कार्यक्रम में व्यवसायिक शिक्षा और कौशल पहले से ही शामिल है और समग्र शिक्षा अभियान के तहत भारत की 9वीं, 10वीं, 11वीं, 12वीं कक्षा में वर्तमान में व्यवसायिक शिक्षा दी जाती है। जिसके अनुसार 9वीं, 10वीं,
कक्षा के लिए व्यवसायिक शिक्षा वैकल्पिक हैं लेकिन 11वीं, 12वीं के छात्रों के लिए अनिवार्य है।
यहां क्लिक करें- UGC: छात्र शिकायत निवारण समिति में ST, SC, OBC और महिलाओं के प्रतिनिधि होंगे शामिल