भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास किया गया है और उसे मजबूती प्रदान करने के लिए ध्यान केंद्रित किया गया है। इस पहल की वजह से 9 सालों के अंदर देश में 50 हजार किलोमीटर नेशनल हाईवे का निर्माण किया गया है। 2014 से 15 में भारत में कुल 97,830 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग थे, जो मार्च 2023 तक बढ़कर 145,155 किलोमीटर हो गए।
प्रतिदिन 12.1 किलोमीटर सड़कों का निर्माण-
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2014 से 15 में प्रतिदिन 12.1 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाता था, लेकिन 2021-22 में बढ़कर प्रतिदिन 28.6 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ है। किसी देश की अर्थव्यवस्था के लिए हाईवे और सड़कें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। सड़क परिवहन न केवल आर्थिक विकास का आधार है बल्कि रक्षा क्षेत्र, सामाजिक विकास और जीवन के लिए बुनियादी चीजों तक पहुंचने का भी आधार है।
दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क-
जानकारी के मुताबिक, हर साल लगभग 85 प्रतिशत यात्री और 70 प्रतिशत माल सड़कों द्वारा भेजा जाता है। इससे इसके महत्व का अंदाजा लगाया जा सकता है, कि भारत का सड़क नेटवर्क दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है। भारत में लगभग 63.3 लाख किलोमीटर सड़क नेटवर्क है, जो देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जैसे आर्थिक गतिविधियों को सुविधाजनक बनाना, यात्रियों और माल की कुशल आवाजाही और लोगों को जोड़ना आदि।
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नेशनल हाईवे के इंफ्रास्ट्रक्चर की क्षमता-
देश में नेशनल हाईवे के इंफ्रास्ट्रक्चर की क्षमता को बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने पिछले 9 सालों में कई पहल किये हैं। जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2014 से 15 में नेशनल हाईवे निर्माण की गति लगभग 12 किलोमीटर प्रतिदिन थी। जो 2021 से 22 में बढ़कर लगभग 29 किलोमीटर प्रतिदिन कर दी गई।
भारत माला प्रोजेक्ट-
भारत माला प्रोजेक्ट के एक भाग के रूप में भारत का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे यानी 1386 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। वहीं फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का दिल्ली लालसोट खंड राष्ट्र को समर्पित कर दिया।
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