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कोविड-19 की महामारी पूरी दुनिया ने देखी और इस महामारी से बचने के लिए करोड़ों लोगों ने टीका लगवाया लेकिन अब नई रिसर्च में खुलासा हुआ है कि मोटे लोगों के लिए यह टीका सही नहीं है।
कोविड-19 यानी कोरोना वायरस ने भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में भयंकर तबाही मचाई और इस विनाश को रोकने के लिए दुनिया भर में टीकाकरण शुरू किया गया था, जिसके तहत कुछ लोगों को आगाह किया गया था कि किन लोगों को कोविड का टीका नहीं लेना चाहिए।
ऐसे में हाल ही में रिसर्च में सामने आया है कि जो लोग मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं, उन्हें कोरोना वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए।
क्यों नहीं लेनी चाहिए वैक्सीन?
वैक्सीनेशन के दौरान, गर्भवती महिलाओं, ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं, कैंसर, डायबिटीज जैसी बीमारियों से जूझ रहे लोगों और ज्यादा उम्र के लोगों को टीका न लेने की सलाह दी गई थी पर अब नए रिसर्च के मुताबिक मोटापे की समस्या से पीड़ित लोगों में कोरोनावायरस वैक्सीन लेने के बाद गंभीर समस्या देखने को मिल रही है और इसी के चलते शरीर पर फैट जमा लोगों को वैक्सीनेशन न कराने का सुझाव दिया गया है।

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किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है मोटे लोगों को?
मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और किडनी में होने वाली बीमारियों जैसे अनेक बीमारियों के चलते कोरोना वायरस का संक्रमण और खतरा दोनों बढ़ जाते हैं।
नई रिसर्च में यह पाया गया है कि मोटापे के कारण कोरोनावायरस वैक्सीन से मिली इम्यूनिटी तेजी से कम होती है।
आपको बता दें कि मोटापे से पीड़ित लोगों में इनफ्लुएंजा और हेपिटाइटिस के साथ अन्य वैक्सीन से मिली इम्यूनिटी कम होती है। COVID की वैक्सीन एंटीबॉडीज़ पैदा करती है शरीर में, इसी के चलते कई रिसर्च में ये पता चला है कि जो लोग मोटापे की समस्या से ग्रसित हैं और कोविड का टीका भी लगवाया है तो एंटीबॉडीज का शरीर में स्तर अन्य लोगों के मुकाबले घटने की संभावना अधिक है।

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किन तरह के लोगों पर किया गया रिसर्च?
Corona महामारी के दौरान कैंब्रिज विश्वविद्यालय और एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के रिसर्चर्स की एक टीम तैयार की गई थी जो मोटापे पर corona के असर का अध्ययन करे। रिसर्च में उन्होंने पाया कि जो लोग मोटापे से ग्रसित हैं और covid 19 का टीका भी लगवाया था उनके अस्पताल में भर्ती होने और मौत होने का खतरा 76% ज्यादा था, जिसके बाद मोटापे से पीड़ित 28 लोगों की तुलना सामान्य वजन वाले 41 लोगों से की गई, हर व्यक्ति के बूस्टर खुराक लेने से पहले एंटीबॉडीज का स्तर एक बराबर था लेकिन ज्यादा मोटे लोगों में वायरस का मुकाबला करने वाली एंटीबॉडीज की ताकत कम पाई गई।
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