उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में 2017 से लेकर आजतक 186 एनकाउंटर हुए हैं, जिसके अनुसार हर 15 दिन में पुलिस एक एनकाउंटर कर रही है। ये योगी के प्रदेश की कमान संभालने के बाद के हालात हैं, क्योंकि उनकी सरकार ने वायदा किया था कि वो प्रदेश को अपराध मुक्त बनाएंगे।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक ये आंकड़े सामने आए हैं। बीते छह सालों में इन आंकड़ों के अनुसार पुलिस ने जिन अपराधियों के पैर में गोली मारी है और उसे जो अपराधी घायल हुए हैं उनका आंकड़ा 5046 की संख्या को पार कर रहा है। जिसके मायने हैं कि यूपी में अब हर 15 दिनों में लगभग 30 गैरकानूनी तत्वों को गोली मारकर घायल किया जाता है।
पुलिस के एनकाउंटर में जो 186 लोग मारे गए हैं उनके अगर रिकॉर्ड्स को देखें तो उनमें 96 गैरकानूनी तत्वों के खिलाफ हत्या केस दर्ज थे, जिनमें से दो लोगों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और बलात्कार एवं पोक्सो ऐसे मामले भी थे।
इन एनकाउंटरों में एक खास बात ये भी है कि अबतक 161 मामलों की मैजिस्ट्रेट की जांच हुई है जिसमें कोई आपत्ति किसी की तरफ से दर्ज नहीं की गई है। मैजिस्ट्रेट जांच इन मामलों में एक महत्वपूर्ण और अनिवार्य प्रक्रिया होती है।
प्रत्येक एनकाउंटर के बाद एक और प्रक्रियात्मक गतिविधि यह होती है कि पुलिस द्वारा मारे गए अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाता है और अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की जाती है। आधिकारिक रिकॉर्ड दिखाते हैं कि पुलिस ने 186 एनकाउंटर मामलों में 156 मामलों में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है। संबंधित अदालतों ने अब तक 141 मामलों में इन्हें स्वीकार किया है; 15 मामले अभी लंबित हैं। रिकॉर्ड के मुताबिक, शेष 30 मामलों में पुलिस जांच लंबित है।
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एनकाउंटरों के डेटा से पता चलता है कि मेरठ क्षेत्र में पुलिस ने 65 अभियुक्तों को गोली मारकर मार डाला। वाराणसी और आगरा क्षेत्रों में इन मौतों की संख्या 20 और 14 है।
‘ऑपरेशन लंगड़ा’ जिसमें अपराधी की टांग में गोली मारी जाती है उसके रिकॉर्ड जांचें तो पता चलता है कि मार्च 2017 से अप्रैल 2023 तक, एनकाउंटर के दौरान कम से कम 5,046 अपराधियों की टांगों में गोली मारी गई। जिसमें सर्वाधिक मेरठ क्षेत्र में 1752 अपराधियों के पैर में गोली मारी गई है।
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