भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की पुष्टि के मुताबिक, आखिरकार एक लंबे अरसे के बाद अब जाकर बहुप्रतीक्षित लुधियाना-रोपड़ एक्सप्रेसवे का निर्माण हो रहा है। इस परियोजना के प्रारंभिक चरण को पैकेज 1 नाम दिया गया है, जिसमें लुधियाना के भीतर 37.7 किलोमीटर खंड का निर्माण कार्य शामिल है और इसका 6 फीसदी कार्य समाप्त हो चुका है। इस खंड में लुधियाना बाईपास को जोड़ने वाला 19.5 किमी का एक स्पर भी शामिल है, जो पीपलमाजरा से खरार तक चल रहा है। यह ग्रीनफील्ड परियोजना 104.44 किलोमीटर लंबी है और इसकी अनुमानित लागत 2,857.14 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
पैकेज 1 के निर्माण कार्य में तेजी आई है, एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि, बचे हुए 47.24 किमी के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी भी जारी है। यह खंड एक पहुंच-नियंत्रित राजमार्ग होगा, जो आगामी दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे पर स्थित लुधियाना के मानेवाल गांव से लेकर रोपड़ के पास भेओरा गांव तक जुड़ेगा।
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निर्माण कार्य में तेजी का श्रेय परियोजना के लिए पर्याप्त भूमि की उपलब्धता को दिया जा सकता है। NHAI का लक्ष्य निर्धारित की गई समय-सीमा यानी कि, मार्च 2024 तक लुधियाना-रोपड़ एक्सप्रेसवे को पूरा करना है।
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दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, भारतमाला परियोजना पहल का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो ब्राउनफील्ड और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का एक संयोजन है। यह दिल्ली, पंजाब और जम्मू और कश्मीर को आपस में जोड़ता है। 670 किमी की लंबाई वाला यह एक्सप्रेसवे दिल्ली में बहादुरगढ़ से शुरू होकर कटरा, जम्मू और कश्मीर में समाप्त होता है।
इस व्यापक एक्सप्रेसवे में दो खंड मौजूद हैं। जहां इसके पहले भाग में लगभग 397 किमी शामिल हैं, जो गुरदासपुर और नकोदर से गुजरते हुए दिल्ली और कटरा के बीच के मार्ग का पता लगाता है। इस विशेष खंड को बड़े प्रोजेक्ट ढांचे के भीतर राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे 5 (NE-5) के रूप में नामांकित किया गया है।